भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) बिहार की वोटिंग लिस्ट से विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत लगभग तीन लाख और नाम हटाने की तैयारी में है. सूत्रों के अनुसार, यह संशोधन प्रक्रिया, जिसमें मतदाता अपने नाम शामिल करने या सुधार करने के लिए दावे और आपत्तियाँ दर्ज कर सकते हैं, दो दिन बाद समाप्त हो रही है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि जिन मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं, उन्होंने बार-बार नोटिस के बावजूद चुनाव आयोग को जरूरी पहचान दस्तावेज जमा नहीं किए. 1 अगस्त 2025 को जारी मसौदा मतदाता सूची के अनुसार, राज्य भर में पहले ही 65 लाख नाम हटाए जा चुके हैं. सूत्रों का कहना है कि नई हटाए जाने वाली लिस्ट में सीमांचल क्षेत्र, जैसे पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, सुपौल और कटिहार के साथ-साथ बिहार के अन्य हिस्सों के मतदाता शामिल हैं.
मतदाताओं को मिलेगा अंतिम अवसर
चुनाव आयोग जल्द ही ऐसे मतदाताओं की डिटेल लिस्ट प्रकाशित करने की योजना बना रहा है, ताकि उन्हें संशोधन प्रक्रिया समाप्त होने से पहले अपने अधिकारों को वैरीफाई करने और दावा करने का अंतिम मौका मिल सके.
राजनीतिक दलों और व्यक्तिगत मतदाताओं की भागीदारी
एसआईआर प्रक्रिया के अंतिम चरण में, शुक्रवार (29 अगस्त) को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राजनीतिक दलों की भागीदारी सीमित रही, जबकि व्यक्तिगत मतदाताओं से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली. 1 से 29 अगस्त के बीच बिहार में राजनीतिक दलों द्वारा कुल 117 दावे और आपत्तियाँ दर्ज की गईं. इनमें से राजद ने नौ, जबकि सीपीआई-एमएल ने 108 दावे दायर किए. अन्य किसी भी राजनीतिक दल ने आयोग के समक्ष कोई दावा या आपत्ति दर्ज नहीं की.
इसके विपरीत, चुनाव आयोग को मतदाता सूची में अपने नाम शामिल करने के लिए नागरिकों से 2,11,650 पर्सनल आवेदन मिले हैं, जिनमें से पिछले सात दिनों में 29,796 आवेदनों का निपटारा किया गया. इसके अलावा, संशोधन प्रक्रिया के दौरान 11,36,565 फॉर्म-6 जमा किए गए, जिनमें से 48,797 का निपटारा पिछले हफ्ते हुआ.