Sushil Modi Cancer: पिछले 6 माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं. अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है. लोकसभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊंगा. PM को सब कुछ बता दिया है. देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित... ये बातें बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने अपने एक ट्वीट में कही.
72 साल के सुशील मोदी 2005 से 2013 और 2017 से 2020 तक बिहार के उपमुख्यमंत्री रहे हैं. सुशील कुमार मोदी 1974-75 के जेपी (जयप्रकाश नारायण) आंदोलन से उभरने वाले तीसरे सबसे महत्वपूर्ण नेता हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की पृष्ठभूमि से आने के बाद वह 1980 के दशक में राजनीति में एक्टिव हुए थे. 33 साल की राजनीतिक जीवन में सुशील मोदी राज्यसभा, लोकसभा, विधान परिषद और विधान सभा समेत सभी चार सदनों के सदस्य रह चुके हैं.
सुशील कुमार मोदी भारतीय जनता पार्टी (BJP) में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. बिहार विधान परिषद में सुशील मोदी करीब 5 साल तक नेता प्रतिपक्ष रहे हैं. 9 साल तक विधान परिषद के सदस्य रहने से पहले वे करीब 15 साल लगातार विधायक रहे. 2004 में लोकसभा में वे भागलपुर सीट से चुनाव जीते थे. एक साल बाद 2005 में बिहार में नीतीश कुमार के साथ जब भाजपा गठबंधन की सरकार बनी तो सुशील मोदी ने लोकसभा से इस्तीफा देकर पहले बार डिप्टी सीएम का पद संभाला.
पिछले 6 माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूँ । अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है । लोक सभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊँगा ।
— Sushil Kumar Modi (मोदी का परिवार ) (@SushilModi) April 3, 2024
PM को सब कुछ बता दिया है ।
देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित |
सुशील मोदी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत पटना यूनिवर्सिटी से की थी. साल 1973 में वे पटना यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव लड़कर महासचिव बने थे. एक साल बाद यानी 1974 में बिहार में हुए छात्र आंदोलन का उन्होंने नेतृत्व भी किया. इसके बाद शुरू हुए जेपी आंदोलन में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई और करीब 5 बार जेल भेजे गए. सुशील मोदी ही वे शख्स हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में MISA की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी.
सुशील मोदी के अलावा, भाजपा के कुछ अन्य मौजूदा सांसदों ने भी इस बार के लोकसभा चुनाव से दूरी बनाई है. हालांकि, सुशील मोदी ने कैंसर का हवाला दिया है, जबकि अन्य भाजपा सांसदों ने अपने अलग-अलग कारणों का हवाला देते हुए लोकसभा चुनाव 2024 से दूरी बना ली थी. इनमें दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर, हर्षवर्धन और हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा शामिल हैं.