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'15 सीटें नहीं मिलीं तो चुनाव...', जीतन राम मांझी ने सीट शेयरिंग पर नीतीश-बीजेपी को दी बड़ी चेतावनी

Hindustan Awam Morcha: बिहार चुनाव से पहले एनडीए में हलचल बढ़ गई है. हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मनझी ने साफ कहा है कि अगर उनकी पार्टी को चुनाव में कम से कम 15 सीटें नहीं दी गईं, तो वे चुनाव में नहीं उतरेंगे. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी एनडीए में ही रहेगी.

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Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव इस साल नवंबर में होने हैं. इस बार बिहार चुनाव दो चरणों में होंगे. नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. इससे पहले NDA के एक सहयोगी ने एक बयान देकर सबको चौंका दिया है.

दरअसल, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मनझी ने साफ कहा है कि अगर उनकी पार्टी को चुनाव में कम से कम 15 सीटें नहीं दी गईं, तो वे चुनाव में नहीं उतरेंगे. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी एनडीए में ही रहेगी. सूत्रों के अनुसार, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मनझी से बात करके उन्हें मनाने की कोशिश की है.

हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष का बड़ा बयान 

मनझी ने कहा, "हम एनडीए नेताओं से प्रार्थना कर रहे हैं क्योंकि हमें अपमानित महसूस हो रहा है. हमें अपनी पार्टी को पहचान दिलाने के लिए सम्मानजनक संख्या में सीटें चाहिए. अगर हमें प्रस्तावित संख्या में सीटें नहीं मिलतीं, तो हम चुनाव नहीं लड़ेंगे. हम एनडीए का समर्थन करेंगे, लेकिन चुनाव में नहीं उतरेंगे. मेरा उद्देश्य मुख्यमंत्री बनने का नहीं है, मैं सिर्फ अपनी पार्टी की मान्यता चाहता हूं."

इससे पहले भी मनझी ने बिहार चुनाव की सीट बंटवारे की बातचीत में संकेत दिए थे कि उनकी पार्टी को पर्याप्त सीटें मिलनी चाहिए. इसके लिए उन्होंने प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता रश्मिरथी के कुछ पंक्तियों में बदलाव करते हुए अपनी मांग का इशारा किया. मनझी ने लिखा, "हो न्याय अगर तो आधा 2, यदि उसमें भी कोई बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम, HAM वही खुशी से खाएंगे, परिजन पे आसी नहीं उठाएंगे." यहां '5 ग्राम' के स्थान पर उन्होंने '15 ग्राम' शब्द का प्रयोग किया, ताकि 15 सीटों की मांग को दर्शाया जा सके.

सीट बंटवारे को लेकर चर्चा तेज 

एनडीए के अन्य सहयोगी भी सीट बंटवारे को लेकर संतुष्ट नहीं हैं. वर्तमान अनुमान के अनुसार, बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से जेडीयू और भाजपा लगभग 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं. जबकि चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) को 24 सीटें, मनझी की पार्टी को 10 और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को लगभग छह सीटें दी जा सकती हैं. हालांकि, मनझी के अलावा चिराग पासवान भी इस संख्या से संतुष्ट नहीं हैं और वे कम से कम 40 सीटों की मांग कर रहे हैं.

विशेषज्ञों का मानना है कि सीट बंटवारे को लेकर एनडीए के भीतर असंतोष बढ़ता जा रहा है, और अगर इसे समय रहते सुलझाया नहीं गया, तो बिहार चुनाव में गठबंधन को नुकसान उठाना पड़ सकता है. जीतन राम मनझी का यह बयान इस बात का संकेत है कि चुनावी रणनीतियों में सहयोगियों की महत्वाकांक्षाओं को ध्यान में रखना कितना जरूरी है.