पटना: बिहार के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत योजना की शुरुआत की गई है. अक्टूबर 2025 में हुई भारी बारिश और मोन्था तूफान से फसल को भारी नुकसान हुआ था. इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने कृषि इनपुट अनुदान 2025 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है. जिन किसानों की फसल 33 प्रतिशत से अधिक खराब हुई है वे तुरंत ऑनलाइन आवेदन कर आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं.
सरकार ने साफ किया है कि सहायता राशि सीधे डीबीटी के जरिए किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी. इस योजना के तहत 12 जिलों के 39 प्रखंडों और 397 पंचायतों को चिह्नित किया गया है जहां तूफान और बारिश का सबसे ज्यादा प्रभाव देखा गया था. प्रभावित जिलों में बेगूसराय, पूर्वी चंपारण, कैमूर, मधुबनी, किशनगंज, गया, भोजपुर, मधेपुरा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, शिवहर और सुपौल शामिल हैं.
जिन किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं वे अधिकाधिक पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई है ताकि किसान बिना अतिरिक्त खर्च और परेशानी के आसानी से आवेदन कर सकें.
सरकार ने फसलों के आधार पर अलग-अलग अनुदान राशि तय की है. वर्षा आधारित असिंचित फसलों के लिए 8500 रुपये प्रति हेक्टेयर सहायता दी जाएगी. सिंचित फसलों के लिए यह राशि 17000 रुपये प्रति हेक्टेयर निर्धारित की गई है. वहीं बहुवर्षीय और स्थायी फसलों के लिए 22500 रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान तय है. इस योजना के तहत किसानों को अधिकतम दो हेक्टेयर तक की सहायता मिलेगी. रैयत और गैर रैयत दोनों प्रकार के किसान इस योजना के लिए पात्र हैं और आवेदन कर सकते हैं.
आवेदन के लिए आधार सीड बैंक खाता, जमीन संबंधी कागज और एलपीसी या स्वधारणा प्रमाण पत्र आवश्यक है. सरकार ने स्पष्ट किया है कि एक परिवार से केवल एक ही सदस्य आवेदन कर सकता है. यह नियम पारदर्शिता बनाए रखने और अनुदान के दुरुपयोग को रोकने के लिए रखा गया है.
आवेदन करने की अंतिम तिथि 2 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है. इसलिए जिन किसानों की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है उन्हें समय सीमा से पहले आवेदन करना जरूरी है. किसानों की सुविधा के लिए सरकार ने हेल्पलाइन भी जारी की है. किसान कॉल सेंटर 1800 180 1551 पर सुबह छह बजे से रात दस बजे तक सभी जानकारी प्राप्त की जा सकती है.