Asaduddin Owaisi: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सुप्रीमो और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी सीमांचल की 24 सीटों पर अपने पैर जमाने की कोशिश में जुटे हैं. 2020 विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के पांच विधायक जीते थे, लेकिन बाद में चार को आरजेडी ने अपने पाले में मिला लिया. इस बार ओवैसी रणनीतिक रूप से सीमांचल न्याय यात्रा निकाल रहे हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर लिखा, 'मेरे सीमांचल दौरे से बहुतों की नींद हराम हो गई है.'
खबर है कि ओवैसी अभी भी आरजेडी से छह सीटों पर समझौते के लिए तैयार हैं. हालांकि कुछ दिन पहले उनके प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान लालू प्रसाद यादव के आवास पर पहुंचे थे, लेकिन वहां उन्हें मुलाकात तक नहीं मिली. इस घटना ने दोनों दलों के बीच खटास को उजागर कर दिया है. बावजूद इसके, ओवैसी की सीमांचल कैंपेनिंग आरजेडी और महागठबंधन के लिए सिरदर्द बन चुकी है.
मेरे सीमांचल दौरे से बहुतों की नींद हराम हो गई है। pic.twitter.com/I6se5455LG
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 27, 2025
इधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी सीमांचल और कोसी इलाके को लेकर पूरी तरह सक्रिय हैं. अररिया में वे सीमांचल और कोसी क्षेत्र के 9 जिलों के 4400 नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. शाह इस दौरान 2025 में 225+ सीटें जीतने की रणनीति पर मंथन करेंगे. इससे पहले भी अमित शाह कई बार सीमांचल का दौरा कर चुके हैं. बीजेपी का फोकस साफ है,अल्पसंख्यक वोटों की पकड़ के साथ-साथ हिंदू मतदाताओं को एकजुट करना और विपक्ष को चुनौती देना.
सीएम नीतीश कुमार भी चुनावी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते. वे कटिहार जिले के समेली प्रखंड का दौरा करने जा रहे हैं. इस दौरान वे साहित्य रत्न अनूपलाल मंडल की प्रतिमा का अनावरण करेंगे और 250 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन करेंगे. जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार आचार संहिता लागू होने से पहले अधिक से अधिक योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर अपने विकास कार्यों को जनता के बीच भुनाना चाहते हैं.
सीमांचल क्षेत्र में 24 विधानसभा सीटें हैं, जिन्हें अल्पसंख्यक वोट बैंक की वजह से हमेशा से निर्णायक माना जाता है. यही कारण है कि ओवैसी से लेकर शाह और नीतीश तक सभी नेता इस इलाके में डेरा डाले हुए हैं. 2020 के चुनाव में यहां AIMIM ने अप्रत्याशित सफलता पाई थी. इसके बाद से बीजेपी और राजद दोनों ही सीमांचल में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटे हैं.