गुवाहाटी में खेले गए आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 के पहले सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को 125 रन से हराकर इतिहास रच दिया. लौरा वोल्वार्ड्ट की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहली बार टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई.
इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया, लेकिन उसका यह फैसला उलटा पड़ गया. दक्षिण अफ्रीका ने 50 ओवर में 7 विकेट पर 319 रन बनाए और इंग्लैंड को जवाब में ढेर कर दिया.
इंग्लैंड के गेंदबाजी करने के फैसले को दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट ने करारा जवाब दिया. उन्होंने ओपनर तजमिन ब्रिट्स के साथ पहले विकेट के लिए 116 रन की साझेदारी कर शानदार शुरुआत दिलाई. ब्रिट्स 47 रन बनाकर आउट हुईं, लेकिन वोल्वार्ड्ट ने कप्तानी पारी जारी रखी. उन्होंने 143 गेंदों पर 169 रन ठोके, जिसमें 20 चौके और 4 छक्के शामिल रहे. उनके आउट होने तक दक्षिण अफ्रीका मैच पर पूरी तरह हावी हो चुकी थी.
320 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की शुरुआत बेहद खराब रही. महज 3 रन पर टीम ने 3 विकेट गंवा दिए. इसके बाद नैट साइवर ब्रंट और एलिस कैप्सी ने 105 रन की साझेदारी कर उम्मीद जगाई, लेकिन मारिजेन कैप ने अपने स्पेल से इंग्लैंड की कमर तोड़ दी. उन्होंने सिर्फ 20 रन देकर 5 विकेट झटके, जिनमें 3 मेडन ओवर शामिल थे. इंग्लैंड की टीम 42.3 ओवर में 194 रन पर ऑलआउट हो गई.
कैप के अलावा नादिन डी क्लर्क ने 2 विकेट लिए, जबकि अयाबोंगा खाका, नॉनकुलुलेको म्लाबा और सुन लुस ने 1-1 विकेट हासिल किया. इंग्लैंड की कप्तान नैट साइवर ब्रंट ने 64 रन और एलिस कैप्सी ने 58 रन की पारी खेली, लेकिन बाकी बल्लेबाज पूरी तरह फ्लॉप रहे। डेनी व्याट ने 34 और लिंसे स्मिथ ने 27 रन बनाए, मगर इंग्लैंड को जीत की राह नहीं मिली.
दक्षिण अफ्रीका महिला टीम का यह प्रदर्शन उनके क्रिकेट इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बन गया. टीम पहली बार महिला वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची है. यह जीत सिर्फ एक मुकाबले की नहीं, बल्कि उस संघर्ष का नतीजा है जो टीम ने पिछले कई सालों में झेला है. कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट और मारिजेन कैप की जोड़ी ने दक्षिण अफ्रीका को वह मुकाम दिलाया, जिसका इंतजार वर्षों से किया जा रहा था.
इंग्लैंड की ओर से सोफी एक्लेस्टोन सबसे सफल रहीं, जिन्होंने 4 विकेट लिए. लॉरेन बेल ने 2 और नैट साइवर ब्रंट ने 1 विकेट झटका. लेकिन उनकी मेहनत भी वोल्वार्ड्ट और कैप के सामने फीकी पड़ गई. इंग्लैंड की टीम को अब तीसरे स्थान के मुकाबले के लिए उतरना होगा, जबकि दक्षिण अफ्रीका पहली बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी की दौड़ में कदम रख चुकी है.