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India Daily

रवि शास्त्री ने शुभमन गिल की डॉन ब्रैडमैन से कर डाली तुलना! कप्तानी को लेकर कही ये बड़ी बात

शुभमन गिल ने दूसरे टेस्ट में 430 रन बनाए. पहली पारी में उन्होंने 269 और दूसरी पारी में 161 रन बनाए. जसप्रीत बुमराह की जगह आकाशदीप को टीम में शामिल करने से भी रवि शास्त्री काफी कुछ दिखे.

 Ravi Shastri on Shubman Gil
Courtesy: Social media

टीम इंडिया ने जिस अंदाज में इंग्लैंड को एजबेस्टन टेस्ट में हराकर टेस्ट सीरीज में बराबरी की, उसके बाद लगातार एक नाम की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है और वो नाम है शुभमन गिल, 25 साल के युवा कप्तान ने जिस अंदाज में एजबेस्टन टेस्ट की दोनों पारियों में बल्लेबाजी करने के अलावा कप्तानी की उससे टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री उनसे काफी प्रभावित दिखे. 

उन्होंने गिल की तुलना क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज डॉन ब्रैडमेन की. उनका मानना है कि गिल की कप्तानी और बल्लेबाजी की बदौलत भारत ने दूसरे टेस्ट में वापसी की और जीत हासिल की. गिल ने बल्ले से ​​गिल ने बल्लेबाजी की कमान अपने हाथ में ली और  269 और 161 रन बनाए और इस दौरान कई रिकॉर्ड भी तोड़े.

कप्तानी को दिए 10 में 10 अंक

रवि शास्त्री ने कप्तानी के लिए भी गिल को 10 में से 10 नंबर दिए. उन्होंने कहा कि दूसरे टेस्ट में वह मैदान में अपने फैसलों को लेकर काफी सक्रिय दिखे. स्काई स्पोर्ट्स से बातचीत में शास्त्री ने कहा कि इससे ज्यादा आप कप्तान से कुछ नहीं मांग सकते. आप सीरीज में 1-0 से पीछे थे लेकिन आप मैदान में उतरते हैं और और ब्रैडमैन की तरह बल्लेबाजी करते हैं. 269 और 161 रन बनाते हैं और अंत में आप मैच जीत जाते हैं. 

'हेंडिग्ले में थे प्रोएक्टिव'

टीम इंडिया के हेड कोच रह चुके शास्त्री ने कहा कि हेडिंग्ले में पहले मैच में गिल की कप्तानी आक्रामक नहीं थी. आप गेंद का पीछा कर रहे थे. उन्होंने आकाशदीप को दूसरे टेस्ट में खिलाने के लिए गिल की प्रशंसा की. उनका मानना है कि अंग्रेजी परिस्थितियों के लिए वो आदर्श गेंदबाज हैं और पूरी सीरीज में इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान करते रहेंगे. आकाशदीप की बात करें तो उन्होंने एजबेस्टन टेस्ट में 10 विकेट लिए.

पहली पारी में चार और दूसरी पारी में बिहार के तेज गेंदबाज ने 6 विकेट चटकाए. भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट मैच 10 जुलाई से क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में खेला जाना है. एजबेस्टन टेस्ट में न  सिर्फ भारतीय टीम बल्कि पहली बार कोई एशिया की टीम जीती है.