Shubman Gill: शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी सौंपी गई तो कई लोग हैरान थे. कुछ का मानना था कि 26 साल की उम्र में गिल का टीम में स्थान अभी भी सवालों के घेरे में है. वे कभी-कभी शानदार पारियां खेलते हैं लेकिन बड़ी पारी नहीं खेल पाते हैं. विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों ने टेस्ट क्रिकेट में ऐसा कर दिखाया था लेकिन गिल को अभी वह मुकाम हासिल नहीं हुआ था.
हालांकि, इन सभी संशय को गिल ने बल्ले से खत्म कर दिया और अब कप्तानी की जिम्मेदारी ने उन्हें नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है. वे बिखरने की बजाय और निखरकर उभरे हैं और टीम इंडिया के लिए रनों की मशीन बन गए हैं. कप्तान बनने के बाद से गिल बल्ले से रनों की बरसात कर रहे हैं और टीम इंडिया को जीत दिला रहे हैं.
गिल का टेस्ट करियर शुरू से ही उतार-चढ़ाव भरा रहा. 2021 में नौ मैचों में उन्होंने 478 रन बनाए और औसत सिर्फ 29.87 का. अगले साल तीन मैचों में 178 रन आए, जिसमें एक शतक शामिल था. 2023 में छह मैचों से 258 रन बनाए लेकिन 2024 में उन्होंने जोरदार वापसी की और 12 मैचों में 866 रन बनाए, जिसमें तीन शतक और तीन अर्धशतक शामिल रहे.
इसके बाद 2025 में गिल को रोहित शर्मा की जगह कप्तान बनाया गया और कोहली की नंबर-4 की विरासत संभालने की जिम्मेदारी दी गई. हालांकि, यह सब कुछ जल्दबाजी लग रही थी. आलोचक कहते थे कि अभी समय नहीं आया लेकिन कप्तानी का जादू कुछ खिलाड़ियों को बदल देता है और गिल पर भी यही असर हुआ.
कप्तानी खिलाड़ियों को नई ताकत देती है. विराट कोहली इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं. कप्तान बनते ही वे रनों की मशीन बन गए और टीम की सोच बदल दी. 68 मैचों में 5,864 रन, औसत 54.80 का यह आंकड़े उनकी महानता बताते हैं. गिल पर भी यही जादू चल रहा है. 2025 उनका अब तक का सबसे शानदार साल साबित हो रहा है. 966 रन बना चुके हैं, जिसमें 5 शतक शामिल हैं. कप्तानी के पहले साल में किसी भी खिलाड़ी के सबसे ज्यादा शतक अब गिल के हो गए हैं.
गिल की पहली कप्तानी परीक्षा इंग्लैंड के खिलाफ थी, जहां बैजबॉल स्टाइल की आक्रामक क्रिकेट और मुश्किल पिचें इंतजार कर रही थीं. हालांकि, उन्होंने निराश नहीं किया. सीरीज में रिकॉर्ड 754 रन ठोके, एक दोहरा शतक और तीन शतक. दिल्ली टेस्ट में शतक ने उन्हें डब्ल्यूटीसी 2025-27 साइकिल में टॉप स्कोरर बना दिया, जहां वे 933 रन बना चुके हैं. यह सब उस कप्तानी के बाद आया जो इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा मुश्किल और खिलाड़ी की सफलता के लिए आंकी जाती है.