Rishabh Pant and Rahul Tewatia at Gangotri Dham: त्योहारों और तीर्थ यात्रा के मौसम में जब देशभर से श्रद्धालु चारधाम की यात्रा पर निकल रहे हैं, उसी बीच भारतीय क्रिकेट टीम के दो दिग्गज खिलाड़ी ऋषभ पंत और राहुल तेवतिया ने भी गंगोत्री धाम पहुंचकर मां गंगा के दर्शन किए.
क्रिकेटर पंत के लिए यह उत्तराखंड की गोद में एक आत्मिक वापसी जैसा पल रहा, जबकि राहुल तेवतिया ने भी पर्वतीय संस्कृति और अध्यात्म का गहराई से अनुभव किया.
गुरुवार शाम को दोनों क्रिकेटर गंगोत्री धाम पहुंचे. पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष सतेंद्र सेमवाल ने बताया कि वहां उन्होंने मां गंगा की विशेष पूजा-अर्चना की और तीर्थ पुरोहितों से आशीर्वाद लिया. इस दौरान स्थानीय लोग और श्रद्धालु उन्हें देखने के लिए जुट गए. पंत और तेवतिया ने सभी के साथ मुस्कुराते हुए तस्वीरें खिंचवाईं, जिससे धाम में एक उत्सव जैसा माहौल बन गया.
पूजा के बाद दोनों खिलाड़ी हर्षिल घाटी के लिए रवाना हुए. वहां उन्होंने कुछ समय पहाड़ों की ठंडी हवा और प्राकृतिक शांति में बिताया. ऋषभ पंत ने कहा कि यह जगह वास्तव में भगवान का निवास लगती है, जहां हर सांस में सुकून है.
उन्होंने कहा कि शहरों की भागदौड़ से अलग, पहाड़ों की शांति आत्मा को तृप्त करती है. राहुल तेवतिया ने भी स्थानीय लोगों से बातचीत करते हुए उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की.
गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित प्रदीप सेमवाल ने बताया कि दोनों क्रिकेटर अत्यंत श्रद्धा भाव से पूजा में शामिल हुए. उन्होंने मां गंगा की आराधना की और तीर्थ क्षेत्र की परंपराओं के बारे में जानकारी ली. तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि ऐसे प्रसिद्ध लोगों के आगमन से धाम की पहचान और पर्यटन दोनों को नई ऊर्जा मिलती है.
गंगोत्री धाम के कपाट इस वर्ष 22 अक्टूबर को सुबह 11:36 बजे बंद किए जाएंगे, जबकि केदारनाथ के कपाट 23 अक्टूबर को सुबह 8:30 बजे बंद होंगे. यमुनोत्री के कपाट 23 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे बंद किए जाएंगे और बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद होंगे. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि अब शीतकालीन यात्रा को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को सालभर रोजगार के अवसर मिल सकें.
ऋषभ पंत और राहुल तेवतिया का यह आध्यात्मिक दौरा न केवल उनके लिए एक आत्मीय अनुभव रहा, बल्कि उत्तरकाशी के लोगों के लिए भी प्रेरणादायक क्षण बना. उनके आगमन ने गंगोत्री और हर्षिल घाटी में नई रौनक भर दी और स्थानीय पर्यटन को भी नई उम्मीद दी.