Prithvi Shaw: भारतीय बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने हाल ही में साफ कर दिया कि उन्हें किसी की सहानुभूति की जरूरत नहीं है. वह अपनी मेहनत और बल्ले के दम पर भारतीय टीम में वापसी करना चाहते हैं. 24 साल के इस युवा खिलाड़ी ने महाराष्ट्र के लिए बुची बाबू टूर्नामेंट में शानदार शतक जड़कर अपनी नई शुरुआत को और मजबूत किया है.
पृथ्वी शॉ ने चेन्नई के गुरु नानक कॉलेज ग्राउंड में छत्तीसगढ़ के खिलाफ महाराष्ट्र के लिए खेलते हुए शानदार शतक बनाया. इस दौरान उनके आसपास के बल्लेबाजों के विकेट गिरते रहे लेकिन उन्होंने अपनी पारी को संभाले रखा.
शतक के बाद उन्होंने कहा, “मुझे किसी की सहानुभूति नहीं चाहिए.” मैं वही कर रहा हूं, जो मैंने अंडर-19 के दिनों में किया था. उसी मेहनत ने मुझे भारतीय टीम तक पहुंचाया था. मैं फिर से वही चीजें कर रहा हूं. ज्यादा प्रैक्टिस, जिम, दौड़ना. ये छोटी-छोटी चीजें हैं, जो मैं 12-13 साल की उम्र से करता आ रहा हूं. मैं सिर्फ खुद पर ध्यान दे रहा हूं. सोशल मीडिया से दूर रहना मुझे सुकून देता है. मैं हमेशा कुछ नया सीखने की कोशिश करता हूं और मुझे खुद पर पूरा भरोसा है.”
पृथ्वी शॉ का करियर कई उतार-चढ़ाव से गुजरा है. कभी वह भारतीय टीम में उभरते सितारे थे, तो कभी उन्हें कई निराशाओं का सामना करना पड़ा. भारतीय टीम में जगह न मिलना, आईपीएल में अनसोल्ड रहना और मुंबई की रणजी टीम से बाहर होना. इन सबने उनके करियर को चुनौती दी. हालांकि, पृथ्वी ने हार नहीं मानी.
उन्होंने महाराष्ट्र के लिए खेलने का फैसला किया और इसे एक नई शुरुआत के रूप में लिया. उन्होंने कहा, “मैंने जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. मैं ऊपर भी रहा, नीचे भी आया और फिर वापस ऊपर गया. मेरे लिए सब कुछ संभव है. मैं खुद पर और अपनी मेहनत पर भरोसा करता हूं. मुझे उम्मीद है कि यह सीजन मेरे और मेरी टीम के लिए शानदार रहेगा.”