Azhar Mahmood: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. हाल ही में करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के लिए सुर्खियों में रहे PCB को अब अपने अंतरिम टेस्ट कोच अजहर महमूद के साथ एक नई समस्या का सामना करना पड़ रहा है. बोर्ड अजहर को हटाना चाहता है, लेकिन उनके कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों के कारण ऐसा करना आसान नहीं है.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पूर्व ऑलराउंडर अजहर महमूद को अप्रैल 2024 में ऑल-फॉर्मेट असिस्टेंट कोच नियुक्त किया था. उनका कॉन्ट्रैक्ट अप्रैल-मई 2026 तक है और अगर PCB उन्हें समय से पहले हटाता है, तो बोर्ड को छह महीने की सैलरी के बराबर मुआवजा देना होगा, जो करीब 45 करोड़ पाकिस्तानी रुपये (लगभग 1.37 करोड़ भारतीय रुपये) है. इस भारी-भरकम राशि के कारण PCB अजहर को हटाने में असमर्थ है और उन्हें अंतरिम टेस्ट कोच की भूमिका में बनाए रखने को मजबूर है.
मुश्किल तब बढ़ी जब PCB ने हाल ही में न्यूजीलैंड के माइक हेसन को व्हाइट-बॉल हेड कोच नियुक्त किया. हेसन ने साफ कर दिया कि वह अपनी पसंद की सपोर्ट स्टाफ के साथ काम करेंगे और इसमें अजहर महमूद शामिल नहीं हैं. इस फैसले ने PCB के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया कि अजहर की 75 लाख रुपये मासिक सैलरी को कैसे जायज ठहराया जाए. नतीजतन, PCB ने अजहर को टेस्ट टीम का अंतरिम हेड कोच नियुक्त कर दिया, ताकि उनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने तक स्थिति संभाली जा सके.
खबरों के मुताबिक, अजहर महमूद भी इस स्थिति से खुश नहीं हैं. उन्होंने PCB से राष्ट्रीय जूनियर टीम के साथ काम करने की इच्छा जताई थी लेकिन उनकी इस मांग को ठुकरा दिया गया. PCB के एक सूत्र ने बताया कि बोर्ड के पास अजहर को उनकी महंगी सैलरी के साथ बनाए रखने के लिए कोई और विकल्प नहीं था, इसलिए उन्हें टेस्ट कोच की जिम्मेदारी दी गई.
PCB के सिलेक्टर और नेशनल क्रिकेट एकैडमी के प्रमुख आकिब जावेद, जो चेयरमैन मोहसिन नकवी के करीबी माने जाते हैं, ने भी अजहर के कोचिंग स्टाइल से खुश नहीं हैं. आकिब का मानना है कि अजहर की कोचिंग शैली प्रभावी नहीं है.