Pakistan ICC Statement: पाकिस्तान ने अफगान क्रिकेटरों की मौत पर ICC के बयान को खारिज करते हुए इसे पक्षपाती और चयनात्मक बताया. सूचना मंत्री अता उल्लाह तरार ने कहा कि ICC ने स्वतंत्र जांच किए बिना ही पाकिस्तान पर आरोप लगा दिए. अफगानिस्तान ने त्रिकोणीय श्रृंखला से अपनी टीम वापस ले ली, जबकि PCB ने जिम्बाम्बे की जगह ले ली. पाकिस्तान ने सबूत मांगे.
'ICC ने बिना पुष्टि के बयान जारी किया',- पाकिस्तान
दरअसल, अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने अगले महीने पाकिस्तान में होने वाली त्रिकोणीय श्रृंखला से अपनी टीम को वापस लेने का निर्णय लिया था. इसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने घोषणा की कि वह अफगानिस्तान की जगह जिम्बाम्बे को इस त्रिकोणीय श्रृंखला में शामिल करेगा, जिसमें श्रीलंका भी हिस्सा लेगा.
अता उल्लाह तारर ने रविवार को बयान जारी करते हुए कहा, "हम ICC के इस बयान को खारिज और निंदा करते हैं, जो यह धारणा देता है कि तीन अफगान क्रिकेटर पाकिस्तान की कार्रवाई में मारे गए. ICC ने अफगान बोर्ड के दावों की स्वतंत्र जांच नहीं की और बिना पुष्टि के बयान जारी किया."
तारर ने कहा कि पाकिस्तान खुद कई वर्षों से आतंकवाद का शिकार रहा है और ICC से मांग की कि वह अपना बयान सही करे. उन्होंने यह भी कहा, "यह अजीब है कि ICC के बयान के कुछ ही घंटों बाद, ICC के अध्यक्ष जय शाह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वही शब्द दोहराए और उसके बाद अफगान बोर्ड ने भी समान बयान जारी किया. अफगान बोर्ड ने यह बयान बिना किसी ठोस साक्ष्य के दिया." कई अफगान क्रिकेटरों, जिनमें राशिद खान और गुलबादिन नैब शामिल हैं, उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया पर इस हवाई हमले और उसके बाद हुई मौतों की कड़ी निंदा की.
ICC को स्वतंत्र रहना चाहिए
सूचना मंत्री ने कहा कि हाल ही में एशिया कप में हाथ मिलाने से इंकार की घटना जैसी घटनाएं ICC की पाकिस्तान के प्रति पक्षपाती रवैये की ओर इशारा करती हैं. उन्होंने कहा, "यह गंभीर रूप से ICC की स्वतंत्रता और निष्पक्ष दृष्टिकोण पर सवाल उठाता है. एक अंतर्राष्ट्रीय खेल नियंत्रक संस्था को ऐसे विवादास्पद दावे नहीं करने चाहिए जो अभी सत्यापित नहीं हुए हों. ICC को स्वतंत्र रहना चाहिए और दूसरों को उत्तेजित करने वाले बयान देने से बचना चाहिए."
पाकिस्तान की ओर से ICC को यह स्पष्ट संदेश है कि किसी भी बिना प्रमाण के आरोप को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर स्वीकार नहीं किया जाएगा. क्रिकेट जगत में यह मामला पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच खेल संबंधों में तनाव का संकेत माना जा रहा है.