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India Daily

'ये पोपटवादी टीम है', सुनील गावस्कर ने पाकिस्तान की कर दी घनघोर बेइज्जती

सुनील गावस्कर ने पाकिस्तान के प्रदर्शन पर तीखा हमला बोला और कहा कि यह 1960 के दशक से अब तक देखी गई उन गौरवशाली टीमों से बिल्कुल अलग है, यहां तक कि उन्होंने इसकी तुलना "पोपटवाड़ी टीम" से भी की.

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Edited By: Gyanendra Sharma
sunil gavaskar
Courtesy: Social Media

दुबई में एशिया कप 2025 के ग्रुप ए मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को सात विकेट से हरा दिया. 128 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने सिर्फ़ 15.5 ओवर में ही जीत हासिल कर ली. इससे पहले, कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और वरुण चक्रवर्ती की स्पिन तिकड़ी के सामने पाकिस्तान 127/9 पर लड़खड़ा गई.  भारतीय गेंदबाजों ने मिलकर 63 डॉट गेंदें फेंकी थीं. कुलदीप ने 18 रन देकर 3 विकेट चटकाए और पूरे मैच में पाकिस्तानी बल्लेबाजों को परेशान किया.

मैच के बाद आधिकारिक प्रसारण पर बोलते हुए, सुनील गावस्कर ने पाकिस्तान के प्रदर्शन पर तीखा हमला बोला और कहा कि यह 1960 के दशक से अब तक देखी गई उन गौरवशाली टीमों से बिल्कुल अलग है, यहां तक कि उन्होंने इसकी तुलना "पोपटवाड़ी टीम" से भी की. उनकी टिप्पणियों से उस रात दोनों टीमों के बीच की गहरी खाई का पता चलता है.

वसीम अकरम पाकिस्तान टीम पर उठाए सवाल

वसीम अकरम ने पाकिस्तान के युवा बल्लेबाजों की भी आलोचना की और कुलदीप को समझने में उनकी नाकामी और स्ट्राइक रेट को लेकर उनके जुनून पर अफसोस जताया. भारत के लिए अभिषेक शर्मा ने 13 गेंदों पर 31 रनों की विस्फोटक पारी खेली, जिसके बाद कप्तान सूर्यकुमार यादव, जो अपना 35वां जन्मदिन मना रहे थे ने नाबाद 47 रनों की पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई.

गावस्कर ने टीम की अक्षमता पर अफसोस जताते हुए कहा, "मैं 1960 से ही पाकिस्तानी टीम को देऱ रहा हूं, जब मैं हनीफ मोहम्मद साहब को देखने के लिए चर्चगेट स्टेशन से ब्रेबोर्न स्टेडियम तक दौड़ता था, लेकिन यह टीम.

खिलाड़ियों ने नहीं मिलाए हाथ

भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव दुबई में एशिया कप 2025 के मैच तक पहुंच गया, जहां खिलाड़ियों ने मैच से पहले और बाद में हाथ मिलाने से परहेज किया. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अनुसार, मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने दोनों कप्तानों, भारत के सूर्यकुमार यादव और पाकिस्तान के सलमान अली आगा, से टॉस के समय हाथ मिलाने से बचने का अनुरोध किया. पीसीबी ने इस कदम की निंदा करते हुए इसे "खेल भावना के विरुद्ध" बताया और आईसीसी के समक्ष औपचारिक विरोध दर्ज कराया, हालांकि अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.