नई दिल्ली: पर्थ स्टेडियम में खेला गया एशेज सीरीज का पहला टेस्ट मैच सिर्फ दो दिन में खत्म हो गया, लेकिन फिर भी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने इस पिच को अपनी सबसे ऊंची रेटिंग बहुत अच्छी दे दी.
वहीं हाल ही में भारत में हुए कुछ टेस्ट मैचों की पिचों को सिर्फ संतोषजनक का दर्जा मिला था. यह फैसला क्रिकेट जगत में पिच तैयार करने को लेकर चल रही बहस को और गर्म कर रहा है. हालांकि, आईसीसी की तरफ से अब तक साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज की पिचों की रेटिंग जारी नहीं की गई है.
पर्थ में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच में पहले दिन ही 19 विकेट गिर गए थे. ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को पहली पारी में कम स्कोर पर समेट दिया फिर इंग्लैंड ने भी जोरदार जवाब देते हुए ऑस्ट्रेलिया को सस्ते में समेट दिया.
दूसरा दिन आते-आते मैच में कई उलटफेर हुए. आखिरकार ऑस्ट्रेलिया ने 205 रन का लक्ष्य सिर्फ 29 ओवर में चेज कर लिया. ट्रेविस हेड ने ओपनिंग करते हुए 83 गेंदों में 123 रन ठोक दिए. कुल मिलाकर सिर्फ 847 गेंदें फेंकी गईं, जो ऑस्ट्रेलिया में दूसरा सबसे छोटा पूरा हुआ टेस्ट मैच था.
मैच रेफरी रंजन मदुगल्ले ने पिच को "बहुत अच्छी" रेटिंग दी. उनके मुताबिक पिच पर अच्छी कैरी थी शुरुआत में सीम मूवमेंट सीमित था और उछाल एकसमान रहा. इससे बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों को मौका मिला. ICC के नियमों में बहुत अच्छी पिच का मतलब यही होता है कि दोनों के बीच संतुलन बना रहे.
दूसरी तरफ भारत में अहमदाबाद और दिल्ली में वेस्टइंडीज के खिलाफ हुए टेस्ट मैचों की पिचों को मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने सिर्फ संतोषजनक बताया. वे मैच तीन और पांच दिन तक चले थे फिर भी उन्हें ऊंची रेटिंग नहीं मिली.
खुद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने कहा, "यह विकेट दूसरे दिन के अंत तक और बेहतर हो जाती है. पिछले साल भारत के खिलाफ भी यही देखने को मिला था." मैच के आखिरी हिस्से में तेज रन बने जिससे साबित हुआ कि पिच बल्लेबाजी के लिए भी अनुकूल हो गई थी.