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India Daily

हरमनप्रीत कौर छोड़ दे कप्तानी...पूर्व कप्तान ने बताया इससे टीम का कैसे होगा भला?

रंगास्वामी का मानना ​​है कि कप्तानी छोड़ना 36 वर्षीय हरमनप्रीत के लिए फायदेमंद होगा, जो एक बल्लेबाज और एक बेहतरीन क्षेत्ररक्षक के रूप में टीम के लिए अमूल्य हैं.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Harmanpreet Kaur
Courtesy: Photo-BCCI

नई दिल्ली: भारतीय महिला टीम ने वनडे वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया. कप्तान हरमनप्रीत कौर की हर कोई तारीफ कर रहा है. हालांकि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान चौंकाने वाला बयान दिया है. पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी का मानना है कि टीम के हित में हरमनप्रीत को कप्तानी छोड़ देनी चाहिए.

पीटीआई से बात करते हुए, रंगास्वामी का मानना ​​है कि कप्तानी छोड़ना 36 वर्षीय हरमनप्रीत के लिए फायदेमंद होगा, जो एक बल्लेबाज और एक बेहतरीन क्षेत्ररक्षक के रूप में टीम के लिए अमूल्य हैं. उन्होंने कहा कि यह बदलाव टीम के दीर्घकालिक भविष्य को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए. अगला वनडे विश्व कप 2029 में होना है, जबकि टी20 विश्व कप अगले साल ब्रिटेन में आयोजित किया जाएगा.

रंगास्वामी ने बताया इससे टीम का होगा भला?

रंगास्वामी ने कहा कि 29 वर्षीय स्टार ओपनर स्मृति मंधाना नई कप्तान के लिए स्पष्ट पसंद हैं. उन्होंने कहा कि यह देर से हुआ है. क्योंकि हरमन, एक बल्लेबाज और एक क्षेत्ररक्षक के रूप में, शानदार हैं. लेकिन रणनीतिक रूप से, वह कभी-कभी लड़खड़ा सकती हैं. मुझे लगता है कि अगर उन पर कप्तानी का बोझ न हो, तो वह और अधिक योगदान दे सकती हैं. देखिए, जब यह इस तरह की सफलता (विश्व कप जीत) के बाद आता है, तो इसे अच्छी तरह से नहीं लिया जाएगा. लेकिन भारतीय क्रिकेट और हरमन के अपने हित में, मुझे लगता है कि वह कप्तानी के बोझ के बिना एक बल्लेबाज के रूप में और अधिक योगदान दे सकती हैं.

तीन-चार साल का बड़ा क्रिकेट बाकी

रंगास्वामी का कहना है कि उसके पास अभी तीन-चार साल का बड़ा क्रिकेट बाकी है. कप्तान न होने से वह ऐसा नहीं कर पाएगी. स्मृति को सभी प्रारूपों में कप्तान बनाया जाना चाहिए. आपको भविष्य के विश्व कप के लिए भी योजना बनाने की ज़रूरत है. उन्होंने रोहित शर्मा के मामले का भी जिक्र किया , जहां इस साल की शुरुआत में उनकी कप्तानी में भारत को चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दिलाने के बाद चयनकर्ताओं ने टीम की खातिर उनसे दूरी बना ली थी.

रंगास्वामी घरेलू मैदान पर टीम की खिताबी जीत से बेहद खुश हैं, लेकिन उन्होंने कमजोर पक्षों को उजागर करने का भी प्रयास किया. उन्होंने कहा कि हमारे ज़माने में बल्लेबाज़ी कमज़ोर कड़ी हुआ करती थी. अब बल्लेबाज़ी तो मज़बूत हो गई है, लेकिन गेंदबाज़ी चिंता का विषय है. फ़ील्डिंग भी काफ़ी बेहतर हो सकती है.

रंगास्वामी ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया केवल इसलिए हारा क्योंकि उनके पास अच्छा गेंदबाजी आक्रमण नहीं था. मैं कहूंगा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के पास बेहतर गेंदबाजी आक्रमण थे. बल्लेबाजों ने हमारे लिए काम किया." उनका इशारा सात बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की सेमीफाइनल में भारत से हार की ओर था, जिसमें भारत 338 रन का बचाव नहीं कर सका था.

खेल की लोकप्रियता में दस गुना वृद्धि

रंगास्वामी ने भविष्यवाणी की कि 2017 में फाइनल में पहुंचने से भारत में महिला क्रिकेट लोकप्रिय हो गया, लेकिन रविवार रात की जीत से इस खेल को अपनाने वाली लड़कियों की संख्या में भारी वृद्धि होगी. उन्होंने कहा, "दस साल बाद, आप इस जीत का व्यापक प्रभाव देखेंगे. इससे लाखों लोगों को इस खेल को अपनाने की प्रेरणा मिलेगी."