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India Daily

इंग्लैंड के खिलाफ कैसे मोहम्मद सिराज खेल सके पांचों टेस्ट मैच? स्टार पेसर की फिटनेस का खुला राज

Mohammed Siraj: इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने पांचों मुकाबले खेले. ऐसे में अब टेस्ट सीरीज ड्रॉ होने के बाद उनकी फिटनेस का राज खुला है.

Mohammed Siraj
Courtesy: Social Media

Mohammed Siraj: भारत और इंग्लैंड के बीच हाल ही में खत्म हुई टेस्ट सीरीज में मोहम्मद सिराज ने अपनी शानदार गेंदबाजी से सबका ध्यान खींचा. द ओवल टेस्ट में उनकी 143 किमी/घंटा की रफ्तार वाली यॉर्कर ने गस एटकिंसन को बोल्ड कर भारत को जीत दिलाई और सीरीज को 2-2 से बराबर किया. 

सिराज ने इस सीरीज में 1113 गेंदें फेंकीं, जो किसी भी गेंदबाज से ज्यादा थीं. आखिर कैसे सिराज पांचों टेस्ट मैचों में लगातार शानदार प्रदर्शन कर पाए? उनके भाई मोहम्मद इस्माइल ने इसका राज खोला.

सीरीज में मोहम्मद सिराज का दमदार प्रदर्शन

मोहम्मद सिराज इस सीरीज में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे. उन्होंने कुल 23 विकेट लिए और द ओवल टेस्ट में 'प्लेयर ऑफ द मैच' का खिताब जीता. सिराज ने हर पारी में गेंदबाजी की और अपनी रफ्तार व सटीकता से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान किया. उनकी गेंदें कभी स्विंग होती थीं, तो कभी पिच से अनप्रेडिक्टेबल मूवमेंट करती थीं. 

फिटनेस पर मेहनत ने बनाया फर्क

सिराज की इस शानदार फिटनेस और प्रदर्शन का राज उनके भाई मोहम्मद इस्माइल ने बताया. इंडिया टुडे से बात करते हुए इंटरव्यू में इस्माइल ने कहा, "सिराज कभी हार नहीं मानता. जब उसे चैंपियंस ट्रॉफी की टीम में नहीं चुना गया, तब भी उसने हिम्मत नहीं हारी. बल्कि उसने और मेहनत की. वह रोज सुबह-शाम जिम में पसीना बहाता था और अपनी कमियों को सुधारने के लिए प्रैक्टिस करता था."

सिराज ने अपनी फिटनेस पर खास ध्यान दिया. उन्होंने अपनी ताकत, सहनशक्ति और गेंदबाजी की तकनीक को बेहतर करने के लिए कड़ी मेहनत की. यही कारण था कि वह पूरी सीरीज में थकान के बावजूद अपनी रफ्तार और सटीकता बनाए रख सके.

पुरानी गेंद से भी कमाल

सिराज की गेंदबाजी की सबसे बड़ी खासियत थी कि वह पुरानी गेंद से भी कमाल कर रहे थे. आमतौर पर तेज गेंदबाजों के लिए 80 ओवर पुरानी गेंद से स्विंग और सीम कराना मुश्किल होता है, लेकिन सिराज ने इसे संभव बनाया. उनकी गेंदें बल्लेबाजों को सोचने का मौका नहीं देती थीं. द ओवल टेस्ट में उनकी आखिरी यॉर्कर इसका सबसे बड़ा सबूत थी, जिसने इंग्लैंड की पारी को खत्म कर दिया.