ENG vs IND, Washington Sundar: मैनचेस्टर टेस्ट के तीसरे दिन इंग्लैंड ने अपनी पकड़ मजबूत करते हुए 544/7 रन बनाए और 186 रनों की बढ़त हासिल की. जो रूट की शानदार 150 रनों की पारी ने न केवल भारत को बैकफुट पर धकेला बल्कि उन्हें टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वालों की सूची में रिकी पोंटिंग को पछाड़कर दूसरा स्थान भी दिलाया. लेकिन इस बीच भारतीय कप्तान शुभमन गिल के एक फैसले ने सभी का ध्यान खींचा, वो वॉशिंगटन सुंदर को गेंदबाजी न देना.
लॉर्ड्स टेस्ट में चार विकेट लेने वाले वॉशिंगटन सुंदर को मैनचेस्टर में पूरे दिन एक भी ओवर नहीं दिया गया. बेन डकेट, जैक क्रॉली, ओली पोप, जो रूट और बेन स्टोक्स ने भारतीय गेंदबाजों पर दबदबा बनाया लेकिन सुंदर को गेंदबाजी के लिए नहीं बुलाया गया. खास बात यह है कि पिच पर तीसरे दिन हल्का टर्न और अनियमित उछाल दिख रहा था, जो स्पिनरों के लिए मददगार था.
सुंदर को आखिरकार 68वें ओवर में गेंदबाजी का मौका मिला, जब इंग्लैंड की पारी पूरी तरह से हावी हो चुकी थी. इस देरी ने क्रिकेट पंडितों और प्रशंसकों में चर्चा छेड़ दी. पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने कहा, “क्या यह मान लिया जाए कि यह फैसला पूरी तरह से शुभमन गिल का था? एक युवा कप्तान होने के नाते, क्या उन्हें सीनियर खिलाड़ियों या कोच गौतम गंभीर से कोई सलाह नहीं मिली? यह फैसला हैरान करने वाला है.”
वॉशिंगटन सुंदर को कुलदीप यादव पर तरजीह देकर टीम में शामिल किया गया था, लेकिन उन्हें गेंदबाजी न देना समझ से परे रहा. सुंदर की खासियत है कि वह रन रोकने के साथ-साथ विकेट भी निकाल सकते हैं. फिर भी, गिल ने उन्हें मैदान पर पूरी तरह नजरअंदाज किया. पूर्व खिलाड़ियों ने इस रणनीति पर हैरानी जताई क्योंकि एक ऑलराउंडर को चुनकर उसे कोई भूमिका न देना टीम मैनेजमेंट के फैसले पर सवाल उठाता है.