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India Daily

BAN vs WI: वेस्टइंडीज ने बांग्लादेश के खिलाफ लिखा नया इतिहास, खास कारनामा करने वाली बनी पहली टीम

BAN vs WI: बांग्लादेश और वेस्टइंडीज के बीच दूसरा वनडे मैच ढाका में खेला गया. इस मुकाबले में रोमांच की सारी हदें पार हो गईं और मैच को विंडीज ने सुपर ओवर में अपने नाम किया. इसके अलावा कैरेबियाई टीम ने एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया है, जो क्रिकेट के इतिहास में पहली बार हुआ है.

West Indies Cricket Team
Courtesy: X

BAN vs WI: ढाका के शेरे बांग्ला नेशनल स्टेडियम में खेले गए दूसरे वनडे मैच में वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम ने एक अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम किया. बांग्लादेश के खिलाफ 0-1 से पीछे चल रही वेस्टइंडीज की टीम के लिए यह मैच जीतना बेहद जरूरी था. इस मुकाबले में उन्होंने एक ऐसी रणनीति अपनाई, जो क्रिकेट इतिहास में पहले कभी नहीं देखी गई. 

पहले वनडे में वेस्टइंडीज ने 208 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए शानदार शुरुआत की थी और 79-1 का स्कोर बना लिया था. लेकिन इसके बाद बांग्लादेश के स्पिनर रिशाद हुसैन ने छह विकेट लेकर वेस्टइंडीज को मात्र 133 रनों पर समेट दिया. इस हार से सबक लेते हुए वेस्टइंडीज ने दूसरे वनडे में कुछ अलग करने का फैसला किया. 

वेस्टइंडीज के स्पिनरों ने की 50 ओवर की गेंदबाजी

टीम ने पूरी तरह से स्पिन गेंदबाजों पर भरोसा जताया और वनडे क्रिकेट के इतिहास में पहली बार सभी 50 ओवर स्पिनरों से करवाए. यह रणनीति काम कर गई और बांग्लादेश की टीम 213/7 रन ही बना सकी. रिशाद हुसैन ने 14 गेंदों में 39 रनों की शानदार पारी खेलकर अपनी टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया, वरना स्कोर और कम हो सकता था.

दोनों टीमों ने तोड़ा स्पिन रिकॉर्ड

इस मैच में न केवल वेस्टइंडीज ने इतिहास रचा बल्कि दोनों टीमों ने मिलकर एक और रिकॉर्ड बनाया. बांग्लादेश ने भी अपनी गेंदबाजी में पांच स्पिनरों का इस्तेमाल किया और केवल एक तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान को शामिल किया. इस तरह दोनों टीमों ने मिलकर एक वनडे मैच में सबसे ज्यादा ओवर स्पिन गेंदबाजों से करवाए. यह रिकॉर्ड पहले अफगानिस्तान और आयरलैंड के नाम था, जिन्होंने देहरादून में 78.2 ओवर स्पिन गेंदबाजी से कराए थे.

बांग्लादेश के लिए क्यों जरूरी हैं बेहतर पिचें?

ढाका की पिचें स्पिनरों के लिए स्वर्ग मानी जाती हैं और यह बांग्लादेश को घरेलू सीरीज में फायदा देती हैं. हालांकि, बांग्लादेश के लिए यह रणनीति  नुकसानदायक हो सकती है. जब बांग्लादेश विदेशी दौरे पर जाएगी या आईसीसी टूर्नामेंट में खेलेगी, तो उन्हें ऐसी धीमी पिचें नहीं मिलेंगी. इससे उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी, खासकर पेस बॉलिंग को दिक्क आ सकती है.

इसके अलावा ऐसी पिचें घरेलू क्रिकेट में तेज गेंदबाजों के विकास को भी रोक सकती हैं. ज्यादातर युवा गेंदबाज स्पिनर बनने की ओर आकर्षित होंगे क्योंकि राष्ट्रीय टीम में चुने जाने की संभावना स्पिनरों के लिए ज्यादा होती है.