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India Daily

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने लगाई करप्शन की सेंचुरी, बिना टेंडर बंटे ठेके, फर्जी नियुक्तियां और अरबों का घोटाला

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) एक बार फिर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं को लेकर सवालों के घेरे में आ गया है. ऑडिटर जनरल ऑफ पाकिस्तान की हालिया रिपोर्ट में करोड़ों रुपये की गड़बड़ियों, गैरकानूनी नियुक्तियों और बिना प्रक्रिया के किए गए ठेकों का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में पुलिस को दिए गए भोजन खर्च से लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया अधिकारों तक में अनियमितताओं की लंबी सूची सामने आई है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
PCB
Courtesy: web

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड, जो देश में क्रिकेट संचालन का सबसे बड़ा निकाय है, अब खुद गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों में फंसता दिख रहा है. ऑडिटर जनरल ऑफ पाकिस्तान द्वारा जारी की गई ताजा रिपोर्ट में PCB के संचालन पर बड़े सवाल उठाए गए हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि बोर्ड ने कई फैसले बिना किसी पारदर्शी प्रक्रिया के लिए, नियमों को ताक पर रखकर किए हैं, जिससे न सिर्फ भारी आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि क्रिकेट बोर्ड की साख भी दांव पर लग गई है.

ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, PCB ने अंतरराष्ट्रीय मैचों के दौरान सुरक्षा देने वाले पुलिसकर्मियों के भोजन पर 6.3 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो संदिग्ध तरीके से किया गया. इसके अलावा कराची स्थित हाई परफॉर्मेंस सेंटर में अंडर-16 कोचों की तीन अनाधिकृत नियुक्तियां की गईं, जिनकी कुल सैलरी 54 लाख रुपये बताई गई है. इतना ही नहीं, टिकट वितरण जैसे अहम कार्यों के लिए भी बिना ओपन टेंडर के अनुबंध दिए गए, जो नियमानुसार नहीं था. इससे पारदर्शिता पर सीधा सवाल खड़ा होता है.

PCB चेयरमैनशिप और बड़े वित्तीय फैसलों पर सवाल

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि जून 2023 से जुलाई 2024 तक PCB में दो चेयरमैन ज़का अशरफ और मोहसिन नक़वी रहे हैं, जबकि दिसंबर 2022 के बाद से अब तक बोर्ड ने तीन चेयरमैन देखे हैं, जिनमें नजम सेठी भी शामिल हैं. चेयरमैन को फरवरी से जून 2024 के बीच यूटिलिटी बिल, पेट्रोल और आवास खर्च के नाम पर 41.7 लाख रुपये का भुगतान किया गया, जबकि उस समय वे देश के आंतरिक मंत्री भी थे और उन्हें पहले से सरकारी सुविधाएं मिल रही थीं. यह भुगतान बोर्ड नियमों के खिलाफ माना जा रहा है. इसी तरह मीडिया डायरेक्टर की 9 लाख मासिक वेतन पर की गई नियुक्ति भी सवालों के घेरे में है, जो बिना किसी चयन प्रक्रिया के एक ही दिन में पूरी कर दी गई.

करोड़ों की गड़बड़ी आई सामने

रिपोर्ट में सबसे बड़ा आरोप मीडिया अधिकारों और प्रायोजन से जुड़े अनुबंधों पर है. PCB ने अंतरराष्ट्रीय प्रसारण अधिकार 99 मिलियन अमेरिकी डॉलर में बिना ओपन कॉम्पटीशन दिए बांटे, जिससे पारदर्शिता की गंभीर अनदेखी हुई. मीडिया अधिकारों के रिजर्व प्राइस से कम मूल्य पर बेचे जाने से 19.8 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इसके अलावा बुलेटप्रूफ गाड़ियों के डीजल पर 1.98 करोड़, कोस्टर बसों की किराए पर हायरिंग में 2.25 करोड़ और प्रायोजन की बकाया राशि में 5.3 अरब रुपये की वसूली न होना, वित्तीय अनुशासन की गंभीर कमी को दर्शाता है. यह कोई पहली बार नहीं है जब PCB में इस तरह की गड़बड़ियां उजागर हुई हैं, लेकिन अब तक किसी चेयरमैन को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया.