Asian Games 2023: एशियन गेम्स में भारतीय महिला क्रिकेट टीम (Indian Women Cricket Team) का शानदार आगाज हुआ. स्मृति मंधाना की अगुवाई में ये टीम मलेशिया के खिलाफ पहले क्वार्टरफाइनल में अपने विपक्षी पर उम्मीद के मुताबिक बुरी तरह से हावी रही. एशियन गेम्स के लिए इस टीम में 21 साल की ऑलराउंडर कनिका आहूजा (Kanika Ahuja) भी अपना पदार्पण कर रही हैं.
कनिका को भारत और मलेशिया के मैच में टी20 डेब्यू करने का मौका मिला है लेकिन बारिश से प्रभावित इस मुकाबले में उनकी बैटिंग का नंबर नहीं आया. मुकाबले में 15 ही ओवर का खेल हो पाया जहां स्मृति मंधाना (27), शैफाली वर्मा (67), जेमिमा (47) और रिचा घोष (21) की पारियों के दम पर भारत ने 15 ओवर में 2 विकेट के नुकसान पर 173 रन बनाए.
अब कनिका के सामने सेमीफाइनल में कुछ कर गुजरने का सुनहरा मौका होगा क्योंकि भारतीय टीम ऊंची रैंकिंग के आधार पर मैच रद्द होने के बावजूद सेमीफाइनल का टिकट पक्का कर चुकी है. कनिका ने इससे पहले वूमेंस प्रीमियर लीग के पहले सीजन में अपनी बल्लेबाजी के जलवों से आरसीबी को पहली जीत दिलाई थी.
कनिका बाएं हाथ से बैटिंग करने के अलावा ऑफ ब्रैक गेंदबाजी का हुनर भी जानती हैं. उन्होंने वुमेंस इमर्जिंग टीम कप में भी प्रभावित किया है. वे इंडिया ए के लिए खेलते हुए बांग्लादेश ए के खिलाफ 23 गेंदों पर 30 रन बनाने के अलावा 2 विकेट भी हासिल कर चुकी हैं. भारत को खिताब जीतने में इस प्रदर्शन ने काफी मदद की थी. कनिका उस सीजन में आरसीबी को रिप्रजेंट कर रही थी.
कनिका के जीवन में उनकी मां का बड़ा रोल है. मां ने ही कनिका को बचपन में जबरदस्ती वो बल्ला थमाया जिसको पकड़कर आज वे भारतीय क्रिकेट टीम की मंजिल पर पहुंच चुकी हैं. कनिका बचपन में दिन भर पंतगबाजी करती थीं. मां को ये शौंक खास पंसद नहीं था. ऐसा नहीं कि लड़की होने की वजह से मां का ये रुख था, बल्कि उन्होंने बेटी की क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया.
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भारत के मध्यवर्गीय परिवारों में क्रिकेट को लेकर लोकप्रियता किसी से छुपी नहीं है. कनिका ने मां की प्रेरणा और जबरदस्ती से ही सही, फिर क्रिकेट की राह में वापस मुड़कर नहीं देखा. वे पहले पंजाब की टीम में शामिल हुईं और फिर टीम इंडिया में. यहां से कनिका को अब मौका मिलने और एक लंबी रस्सी दिए जाने की उम्मीद है.
कनिका के खेल के बारे में बताते चलें. वे एक पॉवर हिटर हैं जिसकी इस समय टीम इंडिया को दरकार भी है. वे जमने के बाद कितनी निर्मम हो सकती हैं इसकी बानगी पंजाब के इंटर डिस्ट्रिक्ट वुमेंस सीनियर वनडे टूर्नामेंट के दौरान देखने के लिए मिली. तब कनिका ने पटियाला की ओर से खेलते हुए विपक्षी की बैंड बजा दी थी. कनिका ने 122 गेंदों पुर 305 रनों की पारी खेली थी.
कनिका अब जब भारतीय क्रिकेट में कदम रख चुकी हैं तो विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव जैसे बेजोड़ बल्लेबाजों की ओर देखती हैं. दोनों ही सफेद गेंद के महान खिलाड़ी हैं. कनिका इनको अपना आदर्श मानती हैं. भारतीय टीम के प्रदर्शन के साथ कनिका पर भी नजरें बनी रहेंगी.