Rinku Singh: रिंकू सिंह के करियर में कोलकाता नाइट राइडर्स का बड़ा रोल रहा है. फ्रेंचाइजी से जुड़ने के बाद उनका कद बढ़ा है. खुद रिंकू सिंह भी ये मानते हैं कि मुश्किल समय में केकेआर ने काफी सपोर्ट दिया. खासकर जब उन्हें 2021 में घुटने में गंभीर चोट लगी थी. 27 वर्षीय रिंकू हाल ही में भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन में आते-जाते रहे हैं. 2024 तक आईपीएल में उनके प्रदर्शन ने उन्हें राष्ट्रीय टीम की प्लेइंग इलेवन में अपनी जगह बनाए रखने में मदद की. हालांकि खराब प्रदर्शन के कारण रिंकू को बेंच पर बैठना पड़ा.
2021 में अपनी चोट के बाद केकेआर ने कैसे उनका साथ दिया, इस बारे में बात करते हुए रिंकू ने हाल ही में राज शामानी के साथ एक पॉडकास्ट में कहा, "केकेआर ने मेरे सबसे बुरे समय में मेरा साथ दिया. 2021 में घुटने की चोट के बाद एक समय ऐसा भी था जब मैं सबसे बुरे दौर से डर रहा था. मैं रेलवे के खिलाफ नए जूते और स्पाइक्स पहनकर बल्लेबाजी कर रहा था. मैंने तेजी से डबल लेने के लिए अपना बल्ला थपथपाया और तुरंत एक आवाज आई मैं जमीन पर गिर पड़ा.
80 लाख जाने का डर
अलीगढ़ में जन्मे इस खिलाड़ी ने स्वीकार किया कि चोट लगने पर सबसे पहले उनके दिमाग में आईपीएल आया था. उन्होंने कहा, "मेरा पहला विचार आईपीएल से बाहर होने के बारे में था. उस समय मेरा अनुबंध 80 लाख रुपये का था और उन परिस्थितियों में यह पैसा मेरे लिए महत्वपूर्ण था. एमआरआई से पता चला कि यह मेनिस्कस टियर है. सर्जरी से गुजरने और लगभग चार महीने पुनर्वास में बिताने के बाद घरेलू क्रिकेट में रिंकू के प्रदर्शन ने उन्हें आईपीएल नीलामी में वापस लाने में मदद की .
उन्होंने कहा, हालांकि मैंने घरेलू सर्किट में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन मुझे यकीन नहीं था कि मुझे दोबारा चुना जाएगा या नहीं. उस साल केकेआर और एलएसजी दोनों ही मेरे लिए बोली लगा रहे थे और आखिरकार केकेआर ने मुझे 55 लाख रुपये में खरीद लिया. तभी मुझे लगा कि मेरे पास खुद को साबित करने का एक और मौका है.
केकेआर ने लगाई बोली
आईपीएल में रिंकू का पल 2023 में आया जब उन्होंने केकेआर और गुजरात टाइटन्स के बीच एक मैच में यश दयाल की गेंद पर लगातार पांच छक्के जड़े. अपनी टीम को जीत के लिए 29 रनों की जरूरत थी और एक ओवर बाकी था, उत्तर प्रदेश के इस क्रिकेटर ने पांच छक्के लगाकर मैच जीता दिया.
पांच छक्कों की कहानी
उन्होंने कहा, "वेंकी भाई (वेंकटेश अय्यर) और राणा भाई (नीतीश राणा) की बदौलत हम अच्छी स्थिति में थे लेकिन अचानक हमने लगातार विकेट गंवा दिए और मुझे मैदान पर उतरना पड़ा. सच कहूंतो मैं संघर्ष कर रहा था. मैंने 14 गेंदों पर सिर्फ़ 8 रन बनाए थे और गेंद सही दिशा में नहीं जा रही थी."
रिंकू ने आगे कहा, "उमेश भाई (उमेश यादव) ने मुझे पहली गेंद पर स्ट्राइक दी. मैं उस समय अपने रंग में था मैंने पहला छक्का मारा, फिर दूसरा, फिर तीसरा. अगर आप हाइलाइट्स देखेंगे, तो आप पाएंगे कि मेरी बॉडी लैंग्वेज अच्छी नहीं थी, लेकिन जब मैंने स्कोरबोर्ड देखा और महसूस किया कि हमें 2 गेंदों पर 10 रन चाहिए, तो मैंने सोचा यह संभव है'.