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India Daily

शुभांशु शुक्ला को लेकर ड्रैगन कैप्सूल रवाना, कितने देर में पूरा होगा स्पेस स्टेशन का सफर

भारत के शुभांशु शुक्ला स्पेश स्टेशन के लिए रवाना हो गए हैं. उनके साथ तीन अन्य अंतरराष्ट्रीय गगनयात्री भी इस मिशन का हिस्सा हैं. सफल लॉन्चिंग के बाद नासा और पूरे देश में जश्न का माहौल है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
NASA
Courtesy: SocialMedia

भारत के शुभांशु शुक्ला स्पेश स्टेशन के लिए रवाना हो गए हैं. उनके साथ तीन अन्य अंतरराष्ट्रीय गगनयात्री भी इस मिशन का हिस्सा हैं. सफल लॉन्चिंग के बाद नासा और पूरे देश में जश्न का माहौल है. मिशन भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 12:00 बजे फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया. 

यह मिशन भारतीय समयानुसार दोपहर 12:07 बजे अमेरिका के फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया. शुभांशु और उनके साथी गगनयात्रियों ने स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से जुड़े ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर उड़ान भरी. यह ड्रैगन कैप्सूल करीब 28.5 घंटे की यात्रा के बाद 26 जून 2025 को शाम 4:30 बजे (IST) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के साथ जुड़ेगा. यह मिशन निजी अंतरिक्ष कंपनी एक्सियम स्पेस और नासा के सहयोग से संचालित किया जा रहा है.

शुभांशु शुक्ला इस मिशन में एक मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में शामिल हैं. उनके साथ मिशन कमांडर ऐनी मैकक्लेन (नासा), पायलट निखोलाय चब (रूस), और मिशन स्पेशलिस्ट किरण जॉर्ज (ऑस्ट्रेलिया) हैं. यह चार सदस्यीय दल ISS पर 14 से 20 दिनों तक रहेगा, जहां वे वैज्ञानिक प्रयोग, तकनीकी प्रदर्शन और अंतरिक्ष अनुसंधान से जुड़े कार्य करेंगे.

शुभांशु शुक्ला: भारत का गौरव

शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के एक अनुभवी टेस्ट पायलट हैं, जिन्हें 2024 में इसरो और नासा के सहयोग से गगनयान मिशन के लिए चुना गया था. उनकी यह उड़ान भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान, के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो 2026 में लॉन्च होने की उम्मीद है. शुभांशु ने बेंगलुरु में इसरो के अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण केंद्र और नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में कठिन प्रशिक्षण लिया है. 

मिशन का उद्देश्य

एक्सियम मिशन-4 का उद्देश्य ISS पर विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग करना और अंतरिक्ष में मानव उपस्थिति को और मजबूत करना है. शुभांशु और उनकी टीम माइक्रोग्रैविटी में जैविक प्रयोग, सामग्री विज्ञान, और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से जुड़े कई टेस्ट करेंगे. इसके अलावा, मिशन का एक हिस्सा यह भी है कि निजी अंतरिक्ष यात्रा को बढ़ावा दिया जाए और भविष्य में अंतरिक्ष पर्यटन और अनुसंधान के लिए रास्ते खोले जाएं.