Why Indians Refusing Marriage: पिछले कुछ सालों में एक तेजी से बदलता चलन देखा जा रहा है जो कि भारतीय समाज के भविष्य के लिहाज से काफी चिंताजनक साबित हो सकता है. पिछले कुछ समय में देखा गया है कि भारतीय युवाओं के बीच शादी को लेकर रुझान तेजी से घटता जा रहा है. जहां कई युवा शादी को 35 से 40 की उम्र में करना चाहते हैं तो वहीं पर कई लोगों का मानना है कि यह जीवन के लिए कोई जरूरी नहीं है, इसके बिना भी आप अपना जीवन उतने ही सुख के साथ बीत सकता है.
ऐसे में इसके पीछे की वजह क्या है आइये एक नजर उस पर डालते हैं जिसके चलते भारतीयों में शादी के सवाल पर कतराने का एक बढ़ता हुआ रुझान देखा जा रहा है.
एजुकेशन और करियर पर ज्यादा फोकस : इसका पहला कारण है कि आजकल के युवाओं में एजुकेशन और करियर को लेकर पहले से ज्यादा रूचि नजर आती है और वो शादी को तब तरजीह देना चाहते हैं जब वो करियर में स्थिर होकर आर्थिक रूप से आजाद हों.
फ्रीडम और पर्सनल डवलेपमेंट की चाह: आजकल के युवाओं में ज्यादा आजादी और सेल्फ डिपेंड होने की चाह भी है, वो शादी के बंधन में बंधने से पहले जीवन का खुलकर आनंद लेना चाहते हैं और अपने पर्सनल डवलेपमेंट को नए आयाम पर ले जाना चाहते हैं.
सोशल प्रेशर का दबाव भी हुआ कम: आजकल के युवाओं में पहले की अपेक्षा सामाजिक दबाव का असर भी काफी कम हो गया है, लोग अपनी पसंद से ही शादी करना चाहते हैं और खुद पर कोई दबाव महसूस नहीं करते जिसके चलते जब तक उन्हें उनकी पसंद का कोई नहीं मिलता वो शादी से कतराते हैं.
शादी करने के सही उम्र के लिए कोई पैमाना नहीं है, यह एक निजी डिसिजन है. कानूनी रूप से शादी की न्यूनतम आयु 21 साल जरूर बताई गई है लेकिन अधिकतम पर कोई कैपिंग नहीं है. शादी के लिए सही उम्र तय करने के लिए निम्नलिखित कारकों पर विचार किया जाना चाहिए:
शादी के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से मेच्योर, आर्थिक रूप से स्थिरता और पर्सनल गोल्स की पूर्ति को पैमाने के तौर पर रखना चाहिए. इसका मतलब है कि शादी के लिए सही उम्र व्यक्ति की परिस्थितियों और प्राथमिकताओं पर निर्भर करती है.