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India Daily

शराब और नशे से बढ़ रहा मौत का खतरा, दुनियाभर में इलाज की भारी कमी, WHO ने जारी की रिपोर्ट

WHO की नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दुनिया भर में शराब और नशे से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं, जबकि अधिकतर देशों में उपचार और रोकथाम की व्यवस्था अब भी बेहद कमजोर है.

Kuldeep Sharma
Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: social media

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी ताजा 'ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट ऑन अल्कोहल एंड हेल्थ एंड ट्रीटमेंट ऑफ सब्सटेंस यूज डिसऑर्डर्स’ जारी की है. यह रिपोर्ट बताती है कि शराब और नशे के सेवन से जुड़ी बीमारियों में लगातार इजाफा हो रहा है, जबकि अधिकांश देशों में इसके उपचार और रोकथाम की क्षमता पर्याप्त नहीं है.

रिपोर्ट सतत विकास लक्ष्य (SDG) के हेल्थ टारगेट 3.5 के तहत तैयार की गई है, जो मादक द्रव्यों और हानिकारक शराब सेवन की रोकथाम पर केंद्रित है.

बढ़ता हुआ शराब सेवन और उससे जुड़ा खतरा

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में दुनिया भर में शराब सेवन के स्तर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है. खासकर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में शराब की उपलब्धता बढ़ने से स्वास्थ्य जोखिम भी कई गुना बढ़ गए हैं. इसके कारण लिवर की बीमारियां, सड़क दुर्घटनाएं और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि अगर नीतिगत हस्तक्षेप नहीं हुआ, तो आने वाले वर्षों में यह एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट बन सकता है.

शराब से होने वाली बीमारियों का बढ़ता बोझ

रिपोर्ट के चेप्टर ‘अल्कोहल एंड हेल्थ’ में अनुमान लगाया गया है कि दुनियाभर में लाखों मौतें सीधे शराब सेवन से जुड़ी हैं. इससे न केवल लिवर और हृदय संबंधी बीमारियां बढ़ी हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक हिंसा की घटनाएं भी तेजी से बढ़ी हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि शराब से होने वाले रोगों का बोझ अब वैश्विक गैर-संचारी रोगों (Non-Communicable Diseases) के मुख्य कारणों में से एक बन गया है.

उपचार सुविधाओं में भारी असमानता

WHO ने यह भी बताया कि अधिकांश देशों में नशा मुक्ति और मानसिक स्वास्थ्य उपचार के लिए बुनियादी ढांचा बहुत कमजोर है. कई देशों में ऐसे केंद्रों की संख्या जरूरत के मुकाबले बेहद कम है, और प्रशिक्षित स्टाफ की भी भारी कमी है. रिपोर्ट के अनुसार, शराब और नशे के शिकार लोगों के लिए व्यापक और सुलभ उपचार सेवाओं की तत्काल आवश्यकता है.

'सर्विस कैपेसिटी इंडेक्स' (Service Capacity Index)

डब्ल्यूएचओ ने पहली बार एक 'सर्विस कैपेसिटी इंडेक्स' जारी किया है, जो यह मापेगा कि किसी देश में नशा और शराब से जुड़ी बीमारियों के इलाज की व्यवस्था कितनी सुदृढ़ है. यह सूचकांक सतत विकास लक्ष्य (SDG 3.5) की प्रगति को ट्रैक करने में सहायक होगा. इससे देशों के बीच तुलना भी आसान होगी और नीतिगत सुधारों के लिए ठोस दिशा मिलेगी.

वैश्विक कार्रवाई की जरूरत पर जोर

रिपोर्ट के अंत में डब्ल्यूएचओ ने देशों से अपील की है कि वे अल्कोहल और मादक द्रव्यों के दुरुपयोग को रोकने के लिए मजबूत कानून बनाएं और स्वास्थ्य तंत्र को सशक्त करें. संगठन ने यह भी कहा कि नीति, रोकथाम और उपचार- तीनों मोर्चों पर एक साथ कदम उठाने से ही SDG 3.5 का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा.