HPV Vaccine: इन दिनों महिलाओं और पुरुषों को कम उम्र में ही भयानक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. इनमें से एक प्रमुख और गंभीर बीमारी है कैंसर. यह रोग शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करता है. महिलाओं में कैंसर की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. मुख्य प्रकारों में से एक सर्वाइकल कैंसर है. यह कैंसर सर्वाइकल कैंसर है. सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा (Uterine Cervix) में होने वाला कैंसर है. Uterine Cervix वह अंग है जो गर्भाशय (Uterus) को वेजाइना (Vagina)से जोड़ता है. भारत में 6-29% महिलाएं इस कैंसर से पीड़ित हैं.
सर्वाइकल कैंसर मुख्य रूप से ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के संक्रमण के कारण होता है. जो वेजिना, ओरल और शारीरिक संबंध के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है. यह 35 से 55 वर्ष की महिलाओं में अधिक आम है.
महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि अप्रैल में 9 से 14 साल की लड़कियों के लिए पूरे देश में टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा. इस अभियान के तहत महिलाओं को वैक्सीन दी जाएगी, जो ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के खतरे को कम करने में मदद करेगी.
HPV वैक्सीन नौ तरह के HPV वायरस से सुरक्षा करती है. इन नौ में से दो वायरस ऐसे होते हैं जो सर्वाइकल कैंसर के ज्यादातर मामलों के लिए जिम्मेदार होते हैं. इनकी वजह से ज्यादातर एनल कैंसर, जेनिटल कैंसर (जनन अंगों में होने वाला कैंसर) और सिर और गर्दन के कैंसर होते हैं. स्टडीज के मुताबिक यह वैक्सीन कम से कम दस साल तक HPV संक्रमण से बचा जा सकता है. हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि ये टीकाकरण इससे भी ज्यादा समय तक सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है. अब तक हुए रिसर्च से पता चला है कि यह वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर के मामलों में 90% की कमी ला सकती है.
HPV वायरस आमतौर पर लड़कियों में शुरुआती उम्र में होता है जो समय बीतने के बाद सर्वाइकल कैंसर के रूप में विकसित हो जाता है. वहीं 12 से 26 साल की उम्र में यह वैक्सीन ज्यादा प्रभावी होती है. इसलिए लड़कियों को टीनएज में यह वैक्सीन लगा दी जाए ताकि वह सर्वाइकल कैंसर होने से बच सकें और वायरस से लड़ने के लिए लड़कियों और महिलाओं के शरीर में पहले से एंटीबॉडीज सही मात्रा में बनी रहें.
डिस्क्लेमर: यह खबर इंटरनेट पर उपलब्ध सामान्य जानकारियों पर आधारित है. विस्तृत जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह जरूर लें.