Foreign Accent Syndrome: फॉरेन एक्सेंट सिंड्रोम (FAS) एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जो अचानक किसी व्यक्ति के बोलने के तरीके को बदल देती है, जिससे यह किसी विदेशी भाषा के एक्सेंट जैसा लगने लगता है, भले ही वे उस भाषा को बोलते न हों. यह किसी मस्तिष्क के नुकसान के कारण होता है, जैसे स्ट्रोक, ट्यूमर या सिर का आघात.
मानसिक स्वास्थ्य पर FAS का प्रभाव महत्वपूर्ण हो सकता है. यह भ्रम, चिंता और अवसाद का कारण बन सकता है. एक व्यक्ति अपनी पहचान के एक महत्वपूर्ण हिस्से को खोया हुआ महसूस कर सकता है, अपनी बात समझाने में कठिनाई कर सकता है, और सामाजिक रूप से अलग-थलग पड़ सकता है.
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आइए कुछ उदाहरणों के साथ समझते हैं:
दिसंबर 2022 में छपी एक खबर के अनुसार दक्षिण भारत में रहने वाली 70 साल की भारतीय महिला को स्ट्रोक होता है और उसके बाद अचानक से अमेरिकन एक्सेंट में बोलने लगती है. हालांकि न तो वो और न ही उसके परिवार में कभी कोई अमेरिका गया या रहा था जिसका इसे असर बताया जा सकता.
सितंबर 2022 के दौरान नॉर्थ कैरिलोना में रहने वाले एक अमेरिकी पुरुष जो कि कैंसर की बीमारी का इलाज करा रहा होता है अचानक एक दिन उठता है और उसके बाद वो आयरिश एक्सेंट में बोलने लगता है. मजेदार बात यह है कि इस आदमी का भी कोई बैकग्राउंड आयरलैंड या आयरिश नहीं रहा है.
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फरवरी 2023 में एक जापानी बच्चा ब्रेन ट्यूमर से उबरता है और उसके बाद चीनी एक्सेंट में बोलने लगता है. वह स्कूल में अन्य बच्चों की ओर से छेड़ा जाता है और खुद को अलग-थलग महसूस करता है.
यह कुछ उदाहरण हैं जो कि फॉरेन एक्सेंट सिंड्रोम का दर्द बयां करते हैं लेकिन इस बीमारी के लिए कोई इलाज नहीं है. हालांकि उपचार से लक्षणों का प्रबंधन करने में मदद मिल सकती है. इसमें स्पीच थेरेपी, मनोवैज्ञानिक परामर्श और दवाएं शामिल हो सकती हैं. यह महत्वपूर्ण है कि FAS वाले व्यक्ति को समर्थन और समझ मिले, और यह समझें कि यह स्थिति उनके नियंत्रण से बाहर है.
हमें यह याद रखना चाहिए कि FAS एक गंभीर स्थिति है जो किसी को भी हो सकती है. प्रभावित व्यक्ति की मानसिक और सामाजिक भलाई के लिए जागरूकता, संवेदनशीलता और समर्थन महत्वपूर्ण है.