नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम की साउथ अफ्रीका के खिलाफ चार मैचों की टी20 सीरीज के लिए घोषित टीम ने सभी को चौंका दिया है. फिनिशर के रूप में पिछले दो साल से लगातार खेल रहे रिंकू सिंह को इस बार जगह नहीं मिली.
न कोई चोट, न रेस्ट बस बाहर कर दिया गया. यह सब उस समय हो रहा है जब 2026 का टी20 वर्ल्ड कप बस डेढ़ साल दूर है. रिंकू को पिछले कुछ समय से प्लेइंग 11 में जगह नहीं मिल रही थी और अब उन्हें टीम से भी ड्रॉप कर दिया गया है.
2023 से रिंकू सिंह ने जिस तरह डेथ ओवरों में शांत दिमाग से मैच खत्म किए हैं, उसने उन्हें टीम का अहम हिस्सा बना दिया था. हालांकि, हार्दिक पांड्या की वापसी के साथ ही चयनकर्ताओं ने साफ संदेश दे दिया है. अब सिर्फ बल्लेबाजी से काम नहीं चलेगा. टीम में हर खिलाड़ी को कुछ न कुछ गेंदबाजी भी करनी होगी.
इस स्क्वाड में अक्षर पटेल, हार्दिक पांड्या, वॉशिंगटन सुंदर और शिवम दुबे जैसे खिलाड़ी हैं, जो ऑलराउंडर है. यानी टीम 8 या 9 नंबर तक बल्लेबाजी करना चाहती है और फिर भी 6 बॉलिंग ऑप्शन रखना चाहती है. ऐसे में रिंकू जैसे शुद्ध बल्लेबाज के लिए जगह नहीं बची.
स्क्वॉड में चार स्पेशलिस्ट स्पिनर हैं कुलदीप यादव, वरुण चक्रवर्ती, अक्षर पटेल और वॉशिंगटन सुंदर. घरेलू मैदानों और अगले साल श्रीलंका में होने वाली सीरीज को ध्यान में रखते हुए टीम मिडिल ओवर्स में स्पिन से दुश्मन टीमों को घेरना चाहती है. तीन स्पिनरों का खेलना अब सरप्राइज नहीं डिफॉल्ट प्लान होगा.
विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर संजू सैमसन और जितेश शर्मा को टीम में मौका दिया गया है. संजू एक ओपनर के तौर पर खुद को साबित कर चुके थे लेकिन शुभमन गिल की वापसी के बाद अब उन्हें मिडिल ऑर्डर में खिलाया जा रहा है. तो वहीं पिछले मैचों में संजू को बाहर कर जितेश शर्मा को मौका दिया गया था.
यह स्क्वॉड देखकर लगता है कि गौतम गंभीर और अजित अगरकर की जोड़ी ने 2026 टी20 वर्ल्ड कप के लिए अपना ब्लूप्रिंट तैयार करना शुरू कर दिया है. मैसेज बिल्कुल साफ है अब स्पेशलिस्ट रोल से ज्यादा वैरिएबिलिटी और फ्लेक्सिबिलिटी मायने रखेगी.