Indian Railways Makes Pet Travel Easier: कई बार छुट्टियों की प्लानिंग करते समय सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि पालतू जानवरों को कहां छोड़ें. फ्लाइट का खर्चा और तनाव दोनों ज्यादा होते हैं, और लंबी रोड ट्रिप थका देने वाली. ऐसे में ट्रेन सफर एक परफेक्ट बैलेंस बनकर सामने आया है- किफायती, सहज और पालतू-फ्रेंडली.
भारतीय रेल की ओर से तय किए गए नियमों के अनुसार अब आप अपने डॉगी या कैट को ट्रेन में साथ ले जा सकते हैं, बशर्ते आप कुछ जरूरी प्रक्रियाओं का पालन करें. आइए जानते हैं कि आखिर ट्रेन से अपने पालतू जानवर को कैसे ले जाया जा सकता है, क्या नियम हैं और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
ट्रेन यात्रा पालतू जानवरों के लिए सिर्फ आसान नहीं बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी आरामदायक होती है. विमान यात्रा में जहां जानवरों को अक्सर कार्गो सेक्शन में भेजा जाता है, वहीं ट्रेन में वे या तो मालिक के साथ रह सकते हैं या एक सुरक्षित 'डॉग बॉक्स' में रखे जाते हैं. ट्रेन का स्थिर और धीमा मूवमेंट जानवरों को मोशन सिकनेस से बचाता है, और निरंतर वेंटिलेशन उन्हें ताजा महसूस कराता है. सबसे अच्छी बात यह है कि यह सफर हवाई यात्रा के मुकाबले बेहद सस्ता पड़ता है.
भारतीय रेल में पालतू जानवरों को साथ ले जाने के दो प्रमुख तरीके हैं- AC फर्स्ट क्लास कूपे में साथ रखना या डॉग बॉक्स में भेजना. अगर आप AC फर्स्ट क्लास में सफर कर रहे हैं, तो जरूरी है कि पूरा कूपे या केबिन एक ही PNR पर बुक किया गया हो. इससे किसी दूसरे यात्री को असुविधा नहीं होती. वहीं अगर ट्रेन में डॉग बॉक्स की सुविधा उपलब्ध है, तो जानवर को वहीं भेजा जा सकता है. ध्यान रहे कि सभी ट्रेनों में यह सुविधा नहीं होती, इसलिए टिकट बुक करने से पहले इसकी पुष्टि जरूर कर लें.
पालतू जानवर के टिकट की बुकिंग ऑनलाइन नहीं बल्कि रेलवे के Parcel Office के जरिए होती है. यात्रा वाले दिन प्रस्थान से कम से कम तीन घंटे पहले स्टेशन के पार्सल ऑफिस में पहुंचें. आपको अपने टिकट, पहचान पत्र, और पालतू जानवर के वैकसीनेशन कार्ड और फिटनेस सर्टिफिकेट के साथ आवेदन जमा करना होगा. इसके बाद सामान दर (लगेज रेट) के अनुसार शुल्क चुकाना पड़ता है. आमतौर पर यह लगभग ₹30 प्रति किलो के हिसाब से होता है. बुकिंग के बाद दो रसीदें मिलती हैं- एक अपने पास रखनी होती है और दूसरी ट्रेन मैनेजर को देनी होती है.
ट्रेन में पालतू जानवर के साथ सफर के लिए कुछ दस्तावेज बेहद ज़रूरी हैं:
1. कन्फर्म यात्री टिकट
2. पशु चिकित्सक द्वारा जारी फिटनेस सर्टिफिकेट (ब्रीड, रंग, लिंग और स्वास्थ्य का विवरण सहित)
3. अद्यतन टीकाकरण कार्ड (रेबीज, डिस्टेंपर, पार्वोवायरस आदि के साथ)
4. मालिक का पहचान पत्र
इसके साथ ही एक आवेदन पत्र, अगर कूपे या केबिन बुक किया गया है. रेलवे अधिकारी यात्रा के दौरान इन दस्तावेजों की जांच कर सकते हैं, इसलिए इनकी फोटोकॉपी साथ रखना सबसे बेहतर रहेगा.
यात्रा के दौरान जानवरों को तनाव या डर महसूस हो सकता है, खासकर तब जब यह उनका पहला ट्रेन सफर हो. इसलिए पहले से कुछ तैयारी कर लें.
1. जानवर को पहले से क्रेट ट्रेनिंग दें ताकि वह पिंजरे में सहज महसूस करे.
2. एक छोटा ट्रैवल किट पैक करें जिसमें पानी, खाना, खिलौने, वाइप्स और कंबल शामिल हों.
3. यात्रा से पहले हल्का भोजन दें, भारी खाना न खिलाएं.
4. लंबे स्टॉप्स के दौरान उन्हें थोड़ी वॉक और ताजी हवा लेने दें.
5. AC कोच में ठंड बढ़ने पर एक कंबल या स्वेटर जरूर रखें.
कभी-कभी बुकिंग या ट्रेन व्यवस्था में दिक्कत आ सकती है. अगर कूपे अलॉट नहीं हुआ तो पहले से चीफ रिजर्वेशन ऑफिसर को लिखित अनुरोध भेजें. अगर सह-यात्री को आपके पेट से आपत्ति है, तो रेलवे पालतू जानवर को गार्ड वैन में भेज सकती है- ऐसे में कोई रिफंड नहीं मिलता. अगर ट्रेन में डॉग बॉक्स नहीं है या ट्रेन लेट हो जाए, तो अतिरिक्त खाना-पानी और समय का प्रबंध रखें. यात्रा के दौरान जानवर अस्वस्थ हो जाए तो तुरंत ट्रेन मैनेजर को सूचित करें- वे आसपास के स्टेशन या पशु चिकित्सक से मदद दिलाने में सहयोग करेंगे.
ट्रेन यात्रा अब पालतू जानवरों के लिए एक भरोसेमंद और मानवीय विकल्प बन चुकी है. न सिर्फ डॉग्स बल्कि कैट्स, खरगोश और छोटे पंछी भी सुरक्षित रूप से यात्रा कर सकते हैं, बशर्ते सारे दस्तावेज और नियम पूरे हों. भारतीय रेल की यह व्यवस्था साबित करती है कि सही जानकारी और तैयारी के साथ पालतू जानवर के साथ सफर करना अब किसी चुनौती से कम नहीं बल्कि एक खुशनुमा अनुभव है.