History And Use of Turmeric: भारतीय धर्म, संस्कृति और खानपान में हल्दी (Turmeric) का विशेष महत्व है. ये सिर्फ एक मसाला नहीं बल्कि अपने आप में पूरा जीवंत वृतांत हैं. भारतीय संस्कृति में हल्दी ने इस तरह अपना रंग जमा लिया है कि इसके बिना जीवन की कल्पना संभव ही नहीं है. हल्दी के औषधीय उपयोग का लंबा इतिहास है, जो लगभग 4000 वर्ष पुराना है. हल्दी एक प्रमुख मसाला तो है ही लेकिन धार्मिक कार्यों में भी इसकी भूमिका अग्रणी है. आधुनिक चिकित्सा ने इसके महत्व को पहचाना है.
हल्दी में शरीर की कोशिकाओं को रोगों से बचाने, शरीर की सूजन और दर्द को कम करने के गुण हैं. हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण भी पाए जाते हैं, यानी ये शरीर को रोगाणुओं से बचाती है और घाव या चोट को ठीक कर देती है. भारतीय धर्मग्रंथों में हल्दी को गुणकारी माना गया है तो आयुर्वेद में हल्दी को शरीर के लिए 'वरदान' माना गया है. हल्दी को एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और डिटॉक्सिफायर भी माना जाता है. हल्दी के इन्हीं गुणों को देखते हुए अमेरिका ने इसका पेटेंट करने का प्रयास किया था लेकिन सफल नहीं हो पाया.
भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में हल्दी का महत्व औषधि से कहीं अधिक है. हल्दी को शुभ और पवित्र माना गया है. पूजा या धार्मिक कार्य हल्दी के बिना पूरे ही नहीं हो सकते. हल्दी में कैल्शियम, फास्फोरस, लौह, सोडियम, पोटिशियम के अलावा कई ऐसे विटामिन्स और खनिज पाए जाते हैं, जो दूसरे मसालों में नहीं है या बहुत कम हैं. भोजन का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ तमाम दवाइयों में इसका प्रयोग होता है.
हल्दी शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाती है जिससे तमाम तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है. हल्दी में वात-कफ दोषों को कम करने वाले गुण होते हैं और ये शरीर में खून बढ़ाने में मदद करती है. डायबिटीज में हल्दी का सेवन बेहद उपयोगी माना गया है. कहना गलत नहीं होगा कि हल्दी मनुष्य के लिए प्रकृति का एक विशेष उपहार है. हल्दी दिमाग की कार्यक्षमता को बढ़ाती है. डिप्रेशन और अल्जाइमर के प्रकोप में घटाने में भी ये सहायक है.
यहां ये भी बता दें कि भारत में बहुतायत में हल्दी की पैदावार की जाती है. भारतीय हल्दी को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इरोड, भारत के दक्षिणी हिस्से का राज्य तमिलनाडु का एक शहर है. इरोड दुनिया में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक और अहम व्यापारिक केंद्र है. इसे 'पीला शहर' की संज्ञा दी जाती है. इसके अलावा महाराष्ट्र का शहर सांगली, हल्दी के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है.