नई दिल्ली. गर्भावस्था में महिलाओं को हेल्दी खाना खाने की सलाह दी जाती है. जिससे उनके गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास हो सके. इसके साथ ही गर्भवती का स्वास्थ्य भी ठीक रहे. इस कारण हेल्दी फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करना गर्भवती महिलाओं के लिए काफी आवश्यक हो जाता है. ऐसा ही एक हेल्दी फूड है ओट्स, जिसे प्रेग्नेंसी में खाने से गर्भवती और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है.
ओट्स काफी सारे पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इस कारण इसका सेवन मां और बच्चा, दोनों के लिए सेफ होता है. यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की मानें तो गर्भवती महिलाओं को साबुत अनाज जैसे ओट्स, गेहूं और जौ का सेवन अवश्य ही करना चाहिए.
इन पोषक तत्वों से भरपूर है ओट्स
ओट्स में प्रोटीन, फाइबर, फोलिक एसिड, विटामिन ई, नियासिन, राइबोफ्लेविन, विटामिन ए, पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, जिंक जैसे कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं, इस कारण ओट्स का सेवन करना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है.
प्रेग्नेंसी में ओट्स खाने के फायदे
प्रेग्नेंसी में ओट्स का सेवन काफी फायदेमंद होता है, इसको खाने से कई सारी समस्याओं से निजात मिलता है.
1- ओट्स का सेवन करने से गर्भावस्था में होने वाली कब्ज से निजात मिलता है. ओट्स में घुलनशील फाइबर होते हैं, जो पाचन क्रिया को आसान बनाकर कब्ज से छुटकारा दिलाते हैं.
2- इसमें फोलिक एसिड होता है, जो भ्रूण के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए बहुत आवश्यक होता है. इसका सेवन शिशु को जन्मदोष से बचाता है.
3- ओट्स का सेवन करने से प्रेग्नेंसी में खून की कमी नहीं होती है, इस कारण एनीमिया का खतरा भी नहीं रहता है.
4- ओट्स में कैल्शियम, पोटेशियम, सेलेनियम और फॉस्फोरस होता है. ये ये हड्डियों को स्वस्थ और दांतों को मजबूत रखता है.
5- ओट्स के सेवन से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रहता है, जिससे जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा कम होता है.
अधिकमात्रा में सेवन हैं नुकसानदायक
ओट्स सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है, लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो इसके साइड इफेक्ट भी झेलने पड़ सकते हैं. ज्यादा ओट्स खाने से दस्त, अपच, आंतों में ब्लॉकेज हो सकता है. अगर आपको ग्लूटेन से एलर्जी है तो ओट्स का सेवन न करें.
Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.