Iran-Israel Conflict: ईरान और इसराइल के बीच चल रहे टकराव में अमेरिका अब खुलकर कूद पड़ा है. शनिवार को अमेरिकी सेना ने ईरान के तीन अहम न्यूक्लियर ठिकानों फोर्दो, नतांज और इस्फहान पर सीधा हमला किया. इससे न सिर्फ तनाव चरम पर पहुंच गया है, बल्कि दुनियाभर में रेडिएशन फैलने का डर भी पैदा हो गया.
हालांकि, ईरान के अधिकारियों ने साफ किया है कि इन ठिकानों पर हमले से किसी तरह का विकिरण (radiation) नहीं फैला है, और वहां रहने वाले लोगों को कोई खतरा नहीं है.
ईरान की नेशनल न्यूक्लियर सेफ्टी सिस्टम सेंटर ने बयान जारी कर कहा, 'हमारे सेंसर ने किसी तरह के रेडियोएक्टिव लीक का संकेत नहीं दिया है. इन साइट्स से पहले ही संवेदनशील पदार्थ हटा लिए गए थे.' हसन अबेदिनी, जो ईरान के सरकारी मीडिया के राजनीतिक प्रमुख हैं उन्होंने कहा, 'हमने पहले ही संवर्धित यूरेनियम और बाकी खतरनाक सामग्रियों को वहां से हटा दिया था. नागरिकों को घबराने की जरूरत नहीं है.'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले की घोषणा करते हुए कहा, 'यह हमारे सैन्य इतिहास की एक शानदार कार्रवाई थी. अगर ईरान अब भी शांति के लिए तैयार नहीं हुआ, तो अगली बार हम और ज्यादा खतरनाक और सटीक हमला करेंगे. यह बयान उन्होंने महज 3 मिनट की स्पीच में दिया, लेकिन संदेश साफ था कि अब अमेरिका पीछे नहीं हटेगा.
इससे पहले, जब इसराइल ने कुछ ईरानी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी, तब भी रेडिएशन फैलने की आशंका जताई गई थी. लेकिन IAEA (International Atomic Energy Agency) ने पुष्टि करते हुए कहा, 'अब तक किसी भी हमले से परमाणु रेडिएशन नहीं फैला है.' IAEA ने दोहराया कि न्यूक्लियर फैसिलिटीज पर हमला अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है, क्योंकि इससे जनजीवन खतरे में पड़ सकता है.