Pakistan News: पाकिस्तान की लोग एक हिंदू प्रोफेसर की रिहाई की मांग कर रहे हैं. बकायदा इसके लिए सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई जा रही है. दरअसल, 2019 में सिंध प्रांत के रहने वाले नूतन लाल को एक छात्र के आरोप के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया था. नूतन लाल पर आरोप है कि क्लास में ऊर्दू पढ़ाते समय उन्होंने पैगंबर के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था.
एक छात्र ने इसकी शिकायत अपने पिता से की. उसने सोशल मीडिया पर ये बात शेयर कर दी. इसके बाद प्रोफेसर नूतन लाल के ऊपर हमले हुए. उनके घर को तोड़ दिया गया. प्रोफेसर नूतन लाल के खिलाफ ईश-निंदा का मामला दर्ज किया गया. घोटकी की स्थानीय अदालत ने उनके खिलाफ फैसला सुनाते हुए उन्हें उम्र कैद की सजा दी और साथ ही जुर्माना भी लगाया.
बीबीसी ऊर्दू पाकिस्तान के मुताबिक इस मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मुमताज सोलांगी ने फैसले में कहा कि प्रोफेसर नूतन लाल के खिलाफ दिए गए बयानों से ऐसा नहीं लगता कि उनकी आपस में दुश्मनी रही हो. इसलिए बयानों को न मानने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. हालांकि उनके भाई मुकेश कुमार का आरोप है कि मेरे उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. जो आरोप लगे हैं उसके कोई चश्मदीद नहीं है. ये सिर्फ अफवाह है और उसी के चलते नूतन लाल को सजा दी गई.
नूतन लाल के वकील यूसूफ लंघारी हैं जो उनका केस देख रहे हैं. प्रोफेसर नूतन लाल के पक्ष में पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर कई तरह के अभियान शुरू किए गए हैं. लोग पोस्ट कर उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि नूतन लाल की कोई गलती नहीं है, उन्हें फंसाया जा रहा है.