Demand for Hindu Rashtra in Nepal: भारत के पड़ोसी नेपाल में एक बार फिर से हिंदू राष्ट्र की मांग ने रफ्तार पकड़ ली है. सोमवार को सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी राजधानी काठमांडू पहुंचकर प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस और हिंदू राष्ट्र की मांग के लिए प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों के बीच संघर्ष भी हुआ. पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए पानी की बौछार, आंसू के गैस के गोले छोडे और लाठियां भी चलाई.
2007 से पहले नेपाल हिंदू राष्ट्र के रूप में जाना जाता था. लेकिन 2006 में राजशाही के खिलाफ आवाज उठने लगी और भंयकर विरोध प्रदर्शन होने लगे. इसके बाद राजा को अपनी सारी शक्ति देश की संसद को सौंपनी पड़ी थी. 2007 में नेपाल ने खुद को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित कर दिया.
अब एक बार फिर से नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए वहां के लोग सड़कों पर उतर गए हैं. प्रदर्शनकारियों को देश की पांचवी सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी का समर्थन भी प्राप्त है. पिछले हफ्ते के बुधवार को भी हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतरे थे.
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने हाल ही में केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल के साथ गठबंधन करके नई सरकार बनाई थी. नेपाल की ये सरकार का झुकाव चीन की ओर अधिक है.
नेपाल में 240 सालों तक राजशाही चली थी. लेकिन 2008 से सत्ता पर राजनीतिक दलों का कब्जा हुआ. तब से अब तक 13 बार सरकार का गठन हो चुका है. सत्ता की गद्दी पर बैठने वाली पार्टी किसी न किसी विवाद में फंसी ही रहती है.
देश के अन्य राजनीतिक दल सरकार पर भ्रष्टाचार समेत कई तरह के आरोप लगा रहे हैं. वहां के विपक्ष का कहना है कि नेपाल की जनता राजनेताओं से त्रस्त हो चुकी है. नेताओं की इस बयानबाजी से नेपाल के लोगों में एक बार से हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग उठ गई है. कुछ महीने पहले भी इस नेपाल से इसी तरह की खबर आई थी.