What Happens If Balochistan leaves Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव, खासकर भारत के ऑपरेशन सिंदूर के साथ, एक मुद्दा जो सबसे ज्यादा चर्चित रहा है वह है बलूच मुक्त आंदोलन. पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिम में स्थित बलूचिस्तान को लेकर पिछले काफी समय से तनाव की स्थिति बनी हुआ है. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) पाकिस्तान में 50 से ज्यादा हमलों के पीछे रही है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर बलूचिस्तान पाकिस्तान से अलग होने का फैसला करता है तो क्या हो सकता है? हालांकि, यह जानने से पहले यह समझते हैं कि आखिर बलूचिस्तान क्या है.
क्या है बलूचिस्तान: यह पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिम में स्थित एक बड़ा क्षेत्र है, जो देश के कुल टेरेन का लगभग 40% हिस्सा है. अगर प्राकृतिक संसाधनों की बात करें तो यह इस मामले में भी समृद्ध क्षेत्रों में से एक है. इसकी रणनीतिक स्थिति ने इसे ऐतिहासिक रूप से बेहद ही अहम बनाया है.
बलूचिस्तान के संसाधनों पर बात करें तो यह पैसे के मामले में भी समृद्ध कहा जाता है. यहां पर तांबा और सोना जैसे संसाधन ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं. बलूचिस्तान में मौजूद चगाई क्षेत्र, टेथियन मैग्मैटिक आर्क का हिस्सा है. इस क्षेत्र को खनिज भंडारों के लिए जाना जाता है. रेको डिक खदान भी इसी क्षेत्र में है जो यहां कि सबसे महंगी संपत्तियों में से एक है. इसमें लगभग 5.9 बिलियन टन अयस्क (एक तरह का खनिज) है.
बलूचिस्तान लगभग 347,190 स्क्वायर किलोमीटर में फैला है, जो पाकिस्तान के कुल भूमि क्षेत्र का लगभग 40% है. अगर बलूचिस्तान पाकिस्तान से अलग हो जाता है, तो इससे संसाधनों और क्षेत्र का भारी मात्रा में नुकसान होगा क्योंकि इसकी लगभग कीमत अरबों डॉलर है. BLA ने हाल ही में पाकिस्तान की सेना के खिलाफ सुर्खियां बटोरी थीं. उन्होंने हाल ही में दो घातक हमलों की जानकारी ली थी. इसमें 14 पाकिस्तानी सेना के जवान मारे गए खे.
बता दें कि पहला हमला बोलन में हुआ, जहां BLA ने एक सैन्य काफिले को निशाना बनाया. इस हमले में BLA ने एक रिमोट कंट्रोल्ड बम का इस्तेमाल किया. इसमें स्पेशल ऑपरेशन कमांड तारिक इमरा समेत सभी 12 सैनिक मारे गए. इसके बाद एक दूसरे हमले में BLA के लड़ाकों ने केच में एक बम निरोधक यूनिट को निशाना बनाया, जहां दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए. इस हमले में भी एक रिमोट-कंट्रोल्ड बम से इस यूनिट पर हमला किया था. ये हमले बलूच अलगाववादियों और पाकिस्तानी सरकार के बीच चल रहे संघर्ष को दिखाते हैं.
अगर बलूचिस्तान अलग हो जाता है, तो पाकिस्तान को न केवल 40% क्षेत्र का नुकसान होगा बल्कि वो अहम प्राकृतिक संसाधन भी खो देगा जिससे पाकिस्तान को अरबों का नुकसान होगा. यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए भी यह किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा. सिर्फ इतना ही नहीं, इससे पाकिस्तान में भी अस्थिरता पैदा हो सकती है.