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'दिल्ली में आजादी से रह रही', वतन वापसी और अगले साल बांग्लादेश में होने वाले आम चुनाव को लेकर क्या बोलीं शेख हसीना

बांग्लादेश में अगले साल आम चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में बांग्लादेश से अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बुधवार को आने वाले चुनाव, अपनी पार्टी आवामी लीग, अपने ऊपर लगे मानवता के खिलाफ अपराध और वतन वापसी को लेकर अपनी योजना पर खुलकर बात की.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Sheikh Hasina
Courtesy: @saifahmed75

बांग्लादेश में अगले साल आम चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में बांग्लादेश से अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बुधवार को आने वाले चुनाव, अपनी पार्टी आवामी लीग, अपने ऊपर लगे मानवता के खिलाफ अपराध और वतन वापसी को लेकर अपनी योजना पर खुलकर बात की.

पिछले साल अगस्त में भारी विरोध प्रदर्शनों के बाद हुए तख्तापलट के बाद 78 साल की शेख हसीना भारत भाग आई थीं और तभी से वे यहां सरकार के संरक्षण में रह रही हैं. प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद पहली बार शेख हसीना मीडिया से मुखातिब हुईं.

भारत में आजादी से रह रही

शेख हसीना ने कहा कि वह नई दिल्ली में आराम से रह रही हैं लेकिन अपने परिवार के हिंसक इतिहास को देखते हुए सतर्क हैं.

बता दें कि 1975 में शेख हसीना के पिता और उनके तीन भाइयों की सैन्य विद्रोह के दौरान हत्या कर दी गई थी. उस दौरान वो और उनकी बहन विदेश में थीं.

शेख हसीना ने कहा कि उनकी पार्टी आवामी लीग बांग्लादेश की राजनीति और भविष्य में (फिर चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष) में अपनी भूमिका निभाने के लिए आगे आएगी. उन्होंने कहा कि उनके परिवार को पार्टी का नेतृत्व करने की जरूरत नहीं है.

बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता जरूरी

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश का जो भविष्य हम देखना चाहते हैं उसके लिए वहां संवैधानिक शासन और राजनीतिक स्थिरता चाहिए. कोई भी एक परिवार देश का भविष्य तय नहीं कर सकता. उनके बेटे और सलाहकार सजीब वाजेद ने पिछले साल कहा था कि वह आवामी लीग का नेतृत्व करने पर विचार कर सकते हैं.

घर वापसी को लेकर क्या बोलीं हसीना

हसीना ने कहा कि निश्चित ही मैं अपने वतन वापस जाना चाहूंगी बशर्ते वहां की सरकार स्थिर हो. संविधान का पालन हो और कानून व्यवस्था बहाल हो.

हसीना ने कहा कि अगर आवामी लीग को चुनाव नहीं लड़ने दिया गया तो हजारों, लाखों कार्यकर्ता चुनाव का विरोध करेंगे.

आवामी लीग पर प्रतिबंध खुल को हराने जैसा

हसीना ने कहा कि आवामी लीग पर प्रतिबंध ना केवल गलत है बल्कि यह खुद को हराने जैसा है. उन्होंने कहा कि सरकार चाहे किसी की भी लेकिन उसे चुनावी वैधता मिलनी चाहिए. पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को उनकी नागरिकता से वंचित नहीं किया जाना चाहिए.

गौरतलब है कि आवामी लीग और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी लंबे समय से बांग्लादेश की राजनीति में हावी रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले चुनाव में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की ही जीत होगी.