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India Daily

इस देश में दुल्हन के साथ अत्याचार, शादी से पहले महीने भर करती है रोने की प्रैक्टिस, आंसू न आने पर मां बनती है 'शैतान'

चीन की कुछ पारंपरिक शादियों में एक अद्भुत और अनोखी परंपरा निभाई जाती है, जिसमें दुल्हन को शादी से एक महीने पहले रोने की प्रैक्टिस करनी होती है. यह परंपरा चीन के सिचुआन प्रांत के टुजिया समुदाय में प्रचलित है और इसे ‘जुओ तांग’ के नाम से जाना जाता है. इस प्रथा के पीछे संस्कृति, भावनाओं और सामाजिक रीति-रिवाजों का गहरा अर्थ छिपा है.

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Edited By: Reepu Kumari
China Weird Marriage:
Courtesy: Pinteres

China Weird Marriage: चीन की परंपराओं और रीति-रिवाजों में अनेक अनूठी प्रथाएं शामिल हैं, जिनमें से एक शादी से पहले दुल्हन द्वारा रोने की प्रथा है.

यह प्रथा चीन के कुछ खास क्षेत्रों, जैसे कि सिचुआन प्रांत, में अधिक प्रचलित है. इस परंपरा का उद्देश्य न केवल खुशी और गम के भावों को व्यक्त करना है, बल्कि शादी के प्रति दुल्हन और उसके परिवार की भावनात्मक गहराई को दिखाना भी है.

रोने की तैयारी

इस प्रथा के अनुसार, दुल्हन को अपनी शादी से एक महीने पहले रोने की प्रैक्टिस शुरू करनी होती है. पहले दिन वह अकेले रोती है, और फिर धीरे-धीरे उसकी मां, बहनें और अन्य रिश्तेदार भी इस प्रक्रिया में शामिल हो जाते हैं. रोने का यह सिलसिला शादी तक जारी रहता है. इस दौरान दुल्हन पारंपरिक गाने गाती है, जो शादी के अवसर और अपने परिवार को छोड़ने के भावों को व्यक्त करते हैं. यह गाने अक्सर खुशी और दुःख के मिश्रित भावों को दर्शाते हैं.

आंसू न निकलने पर दंड

कुछ मामलों में, अगर दुल्हन रोने में असमर्थ होती है या उसके आंसू नहीं निकलते, तो उसकी मां उसे पीटकर रुलाने की कोशिश करती है. यह सुनने में कठोर लग सकता है, लेकिन इस प्रथा का सांस्कृतिक महत्व है. इसे एक तरह से दुल्हन की भावनात्मक तैयारी और उसकी भावनाओं की अभिव्यक्ति के रूप में देखा जाता है. माना जाता है कि यह प्रक्रिया दुल्हन को शादी के बाद आने वाली जिम्मेदारियों और बदलावों के लिए मानसिक रूप से मजबूत बनाती है.

परंपरा का महत्व

इस प्रथा का एक ऐतिहासिक संदर्भ भी है. प्राचीन समय में, जब लड़कियां शादी के बाद अपने परिवार से दूर चली जाती थीं, तो यह रोना उनके परिवार और दोस्तों से बिछड़ने के दुःख का प्रतीक होता था. इसके अलावा, यह रोना उनके नए जीवन के प्रति सम्मान और प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है.

आधुनिक दौर में बदलाव

हालांकि, आज के समय में इस प्रथा का पालन कम होता जा रहा है. कई लोग इसे पुराने समय की परंपरा मानकर नजरअंदाज करते हैं. लेकिन जहां भी यह प्रथा अभी भी जीवित है, वहां इसे सांस्कृतिक धरोहर के रूप में देखा जाता है.

चीन में शादी से पहले रोने की यह प्रथा उसकी सांस्कृतिक विविधता और भावनात्मक अभिव्यक्ति का एक अनूठा उदाहरण है. यह परंपरा भले ही अजीब लगे, लेकिन इसमें छुपा भावनात्मक और सांस्कृतिक महत्व इसे विशेष बनाता है.