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India Daily

'हम हमेशा बातचीत के लिए तैयार...', मोदी-पुतिन और जिनपिंग की नजदीकी से डरा अमेरिका, बदलने लगा सुर

लुटनिक का यह बयान रूस से तेल आयात और वैश्विक व्यापार में भारत की भूमिका को लेकर आया है. लुटनिक ने एक समाचार चैनल पर बात करते हुए कहा, भारत को यह तय करना होगा कि वह किस तरफ खड़ा होना चाहता है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Commerce Secretary Howard Lutnick
Courtesy: Social Media

U.S. Commerce Secretary Howard Lutnick: अमेरिका और भारत के रिश्ते फिलहाल अच्छे नहीं हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने आशंका जताई है कि रूस और भारत अब चीन के पाले में जा चुके हैं. इस बीच  अमेरिका वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा, भारत को यह तय करना होगा कि वह किस पक्ष में है. हम हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं.

उन्होंने कहा कि भारत को यह तय करना होगा कि वह किस पक्ष में खड़ा होना चाहता है. लुटनिक का यह बयान रूस से तेल आयात और वैश्विक व्यापार में भारत की भूमिका को लेकर आया है. लुटनिक ने एक समाचार चैनल पर बात करते हुए कहा, भारत को यह तय करना होगा कि वह किस तरफ खड़ा होना चाहता है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत को रूसी तेल आयात बंद करना चाहिए, बीआरआईसीएस गठबंधन से बाहर होना चाहिए, अपने बाजार खोलने चाहिए और अमेरिकी डॉलर का समर्थन करना चाहिए.

लुटनिक ने यह भी उल्लेख किया कि भारत रूस से अपने तेल आयात को 2% से बढ़ाकर 40% तक पहुंचा चुका है. उन्होंने कहा कि यह कदम अमेरिका के हितों के खिलाफ है, क्योंकि रूसी तेल सस्ता है और पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण रूस को खरीदारों की तलाश है. लुटनिक के अनुसार, भारत का यह कदम "बिल्कुल गलत" है और इसे तुरंत रोकना चाहिए.

बीआरआईसीएस और वैश्विक व्यापार

लुटनिक ने यह भी कहा कि भारत को बीआरआईसीएस गठबंधन से बाहर होना चाहिए, क्योंकि यह गठबंधन अमेरिका के हितों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि भारत को अमेरिका के साथ मजबूत संबंध बनाने चाहिए और वैश्विक व्यापार में अमेरिकी डॉलर का समर्थन करना चाहिए. हालांकि, भारत की ओर से अभी तक इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अपने हितों के हिसाब से फैसले लेगा और किसी भी बाहरी दबाव के आगे नहीं झुकेगा.