प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्वाड समिट में भाग लेने के लिए अमेरिका की तीन दिनों की यात्रा पर हैं. इस क्वाड समिट में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की गुस्ताखियों से निपटने में भारत का लोहा माना. हालांकि इसी दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति चीन को लेकर कुछ कह रहे थे, जो सुर्खियों में आ गया है. दरअसल बाइडन यहां बेहद धीमी आवाज में चीन के रवैये के प्रति अपनी नाराजगी जता रहे थे लेकिन उनकी वह बात सबको सुनाई दी.
जो बाइडन के होम टाउन विलमिंगटन में हुई क्वाड लीडर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानी और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो काशिद ने भाग लिया था. इस समिट में जो बाइडन ने क्वाड नेताओं से कहा, 'हमारा मानना है कि शी जिनपिंग घरेलू आर्थिक चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित रहना चाहते हैं और चीन में अशांति को कम करना चाहते हैं.'
वहीं जब शिखर सम्मेलन खत्म हो गया और पत्रकार वहां से निकल रहे थे. तभी वहां लगी हॉट माइक पर बाइडन की बात पकड़ी गई. इसमें वह कहते सुने गए कि चीन उनका इम्तेहान ले रहा है.इस दौरान बाइडन को यह कहते हुए भी सुना गया कि मेरे विचार से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग चीन के हितों को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाने के लिए अपने लिए कुछ कूटनीतिक स्थान खरीदना चाहते हैं.
बाइडन ने कहा कि चीन आर्थिक और टेक्नोलॉजी सहित कई मोर्चों पर पूरे क्षेत्र में हम सभी का इम्तेहान लेते हुए अपना आक्रामक व्यवहार जारी रखे हुए हैं.हालांकि बाद में अमेरिका के सीनियर प्रशासनिक अधिकारी ने इस गलती को कमतर आंकने की कोशिश की.उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि मेरे पास इस पर विस्तार से बताने के लिए बहुत कुछ है.यह पहले जो कहा गया है. उसी लाइन पर हैं और मुझे नहीं लगता है कि यह बहुत आश्चर्य की बात होगी कि हमारे मन की बात हमारी जुबान से मेल खाती है'.
बता दें कि चीन दक्षिणी चीन सागर और पूर्वी सागर दोनों में उग्र रूप से विवादित क्षेत्रीय विवादों में उलझा हुआ है. यह पूरे दक्षिणी चीन सागर पर अपने हक का दावा करता है, जिसे लेकर वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस, ब्रुनेई और ताइवान जैसे देशों के साथ उसके रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं.