Sri Lanka Presidential Poll Result: श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक दिन पहले वोटिंग हुई थी. आज यानी रविवार को नतीजों की बारी थी. नतीजों में दिसानायके ने दमदार जीत हासिल की. दिसानायके ने NPP यानी नेशनल पीपुल्स पावर के गठबंधन के रूप में चुनावी मैदान में थे. गठबंधन में दिसानायके की जनता विमुक्ति पेरेमुना भी शामिल है.
रविवार सुबह 9 बजे तक 7 चुनावी जिलों के पोस्टल वोटिंग रिजल्ट के अनुसार, नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके राष्ट्रपति चुनाव में प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ श्रीलंका के नौवें कार्यकारी राष्ट्रपति बनने के लिए तैयार हैं. 56 साल के नेता ने अपने प्रतिद्वंद्वियों, चीफ ओपॉजिशन लीडर 56 साल के साजिथ प्रेमदासा और वर्तमान राष्ट्रपति 75 साल के रानिल विक्रमसिंघे पर अजेय बढ़त बना ली थी.
22 निर्वाचन क्षेत्रों में से 7 में पोस्टल बैलेट के घोषित परिणामों के अनुसार, एनपीपी नेता को 56% वोट मिले हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी 19% वोट लेकर उनसे पीछे हैं.
पोस्टल बैलेट के परिणामों में दर्शाए गए रुझान के अनुसार, विश्लेषकों का कहना है कि दिसानायके के राष्ट्रपति पद पर 50% से अधिक मतों से जीतने की संभावना है. श्रीलंकाई लोगों ने अपने अगले राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए एक दिन पहले मतदान किया था, जो 2022 में श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के डूबने के बाद पहला चुनाव है. इस चुनाव में कुल 38 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिसमें निवर्तमान रानिल विक्रमसिंघे , विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा और प्रमुख विपक्षी विधायक अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है.
कोलंबो जिला से सांसद दिसानायके नेशनल पीपुल्स पावर यानी NPP के नेता हैं. कहा जाता है कि उन्होंने इस राष्ट्रपति चुनाव के लिए भ्रष्टाचार विरोधी उपायों और गरीबों के कल्याण के लिए पॉलिसीज पर ध्यान दिया और चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें बेहतरीन तरीकों से जनता के बीच पहुंचाया.
अगर दिसानायके जीते, तो वे श्रीलंका के 9वें और देश के पहले मार्क्सवादी राष्ट्रपति होंगे. कई रिपोर्ट्स के मतुाबिक, दिसानायके को भारत विरोधी माना जाता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिसानायके भारत के सबसे बड़े उद्योगपति गौतम अडानी के प्रोजेक्ट्स का विरोध करते रहे हैं.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग से पहले एक इंटरव्यू में उन्होंने अडानी ग्रुप की 'विंड एनर्जी प्रोजेक्ट' को श्रीलंका की संप्रभुता के लिए खतरा बताया था और कहा था कि हमारी सरकार आने पर हम इस प्रोजेक्ट को रद्द कर देंगे. चूंकि, दिसानायके मार्क्सवादी विचारधारा वाले नेता हैं, इसलिए उनके चीन के ज्यादा करीब होने का दावा किया जा रहा है. अगर ऐसा होता है, तो फिर ये भारत के लिए टेंशन की बात हो सकती है.