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रेप केस में ट्रंप को अदालत से नहीं मिली राहत, 83 मिलियन डॉलर के हर्जाने का फैसला बरकरार, जानें पूरा मामला क्या है

Trump Rape Case: ट्रंप के वकीलों ने दलील दी थी कि 2024 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार उन्हें व्यापक क्रिमिनल इम्युनिटी प्राप्त है और यह सिविल मुकदमों पर भी लागू होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 2019 में दिए गए बयान राष्ट्रपति पद के आधिकारिक कर्तव्यों का हिस्सा थे.

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Edited By: Reepu Kumari
Trump Rape Case
Courtesy: Pinterest

Trump Rape Case: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को यौन शोषण और मानहानि से जुड़े मामले में एक और बड़ा झटका लगा है. 2nd यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स ने कहा है कि हर्जाना देने के फैसला बरकरा रहेगा. जानकारी के लिए आपको बता दें ट्रंप को इस केस में हर्जाने के तौर पर पीड़िता को 83.3 मिलियन डॉलर (करीब 693 करोड़ रुपये) भरने हैं. अदालत के इस फैसले के खिलाफ ट्रंप ने एक याचिका दायर की थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. 

यह पहला मौका नहीं है जब ट्रंप को इस तरह की सजा मिली हो. इससे पहले मई 2023 में भी एक जूरी ने उन्हें यौन शोषण और मानहानि का दोषी ठहराते हुए 5 मिलियन डॉलर (लगभग 42 करोड़ रुपये) का हर्जाना देने का आदेश दिया था. इस फैसले को जून 2024 में 2nd सर्किट कोर्ट ने सुनाया था. इस तरह ट्रंप के खिलाफ लगातार फैसले आ रहे हैं, जो उनकी राजनीतिक छवि के लिए एक और गहरी चोट मानी जा रही है.

मामला क्या है?

81 वर्षीय ई. जीन कैरोल, जो Elle मैगजीन की पूर्व कॉलमिस्ट रह चुकी हैं, ने आरोप लगाया था कि 1990 के दशक में न्यूयॉर्क के एक डिपार्टमेंट स्टोर के ड्रेसिंग रूम में ट्रंप ने उनका रेप किया था. ट्रंप ने इन आरोपों को 2019 में नकारते हुए कहा था कि कैरोल 'मेरे टाइप की नहीं हैं' और उन्होंने किताब बेचने के लिए यह कहानी गढ़ी है.

अदालत का सख्त रुख

अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि जूरी का फैसला पूरी तरह उचित है और ट्रंप इस मामले में राष्ट्रपति पद की इम्युनिटी (छूट) का दावा नहीं कर सकते. कोर्ट ने साफ कर दिया कि राष्ट्रपति होने के नाते उन्हें सिविल मुकदमों में छूट नहीं मिल सकती.

ट्रंप की दलील और कोर्ट का जवाब

ट्रंप के वकीलों ने दलील दी थी कि 2024 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार उन्हें व्यापक क्रिमिनल इम्युनिटी प्राप्त है और यह सिविल मुकदमों पर भी लागू होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 2019 में दिए गए बयान राष्ट्रपति पद के आधिकारिक कर्तव्यों का हिस्सा थे. लेकिन कोर्ट ने इन तर्कों को पूरी तरह खारिज कर दिया.

अब तक की कार्यवाही

जनवरी 2024 में कोर्ट ने 83.3 मिलियन डॉलर जुर्माने के तौर पर भरने का फैसला सुनाया. जिसमें 18.3 मिलियन डॉलर कैरोल की भावनात्मक और प्रतिष्ठा को निकसान पहुंचने और 65 मिलियन डॉलर दंडात्मक हर्जाने के रूप में तय किया गया था. इस मामले का जिक्र कैरोल ने इसी साल जून में अपनी किताब Not My Type: One Woman vs a President में भी किया है.