Israel Hamas War: शनिवार को दुबई में आयोजित cop-28 शिखर सम्मेलन में अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस शामिल हुई थी. इस दौरान उन्होंने इजरायल-हमास युद्ध के मुद्दे पर बात की है और गाजा के लोगों के बचाव में कुछ सिद्धांत भी प्रस्तुत किए हैं.
इजरायल युद्ध 7 दिन के युद्धविराम के बाद शुक्रवार को फिर से शुरु हो गया है. इस युद्ध में अब तक 15000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इस पर अमेरिका ने चिंता जाहिर की है. अमेरिका का कहना है कि इस युद्ध में काफी फलस्तीनियों की मौत हो गई है. इस पर शुक्रवार को अमेरिकी विदेश मंत्री का भी बयान आया था. उन्होंने कहा था कि युद्ध जारी होने के बाद भी गाजा में मानवीय सहायता लगातार पहुंचाई जाएगी और ऐसा करने में इजरायल समर्थन देगा.
इसी बीच अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने दुबई में आयोजित COP-28 शिखर सम्मेलन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इजरायल और हमास युद्ध पर अपना बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इजरायल अपनी रक्षा कैसे करता है, यह मायने रखता है. संयुक्त राज्य अमेरिका का रुख स्पष्ट है. हमारा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का सम्मान किया जाना चाहिए. गाजा में निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं, वहां से आने वाली तस्वीरें विनाशकारी हैं. वहां कि स्तिथि दिल तोड़ने वाली है. हमारा मानना है कि इजरायल को निर्दोष लोगों की रक्षा के लिए अधिक प्रयास करने चाहिए.
कमला हैरिस ने आगे कहा कि मैं और राष्ट्रपति जो बाइडन पहले से ही अपनी सुरक्षा टीम के साथ चर्चा कर रहे हैं. हम गाजा और वेस्टबैंक के लिए आने वाले दिनों के लिए आगे का रास्ता तलाश रहे हैं कि आगे क्या होगा. वर्तमान में गाजा और फलस्तीनी लोगों के लिए पांच सिद्धांत लागू कर सकते हैं, जिनसे उनकी रक्षा सुनिश्चित की जा सकती है.
सिद्धांत निम्नलिखित हैं...
-फिलिस्तीनी लोगों का कोई जबरन विस्थापन न हो.
-गाजा पर कोई भी दोबारा कब्जा न करे.
-इलाकों की घेराबंदी या नाकाबंदी न हो.
-क्षेत्र में किसी चीज की कमी न हो.
-हमास द्वारा आतंकवाद के मंच के रूप में गाजा का उपयोग नहीं किया जाए.
बता दें हमास द्वारा 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया गया था. उसी के जवाब में इजरायल ने गाजा पर हमले किए जो लगातार जारी हैं. दोनों तरफ के हमलों में अब तक इजरायल के 1200 लोग और गाजा के 15000 तक लोगों की मौत हो चुकी है. इस युद्ध में 7 दिन का युद्धविराम हुआ था लेकिन शुक्रवार से युद्ध फिर से शुरु हो गया है. जिसको लेकर सभी देश चिंता जता रहें है. जिसमें अमेरिका ने सबसे ज्यादा चिंता व्यक्त की है.