सीरिया की राजधानी दमिश्क में बुधवार को इसराइली सेना ने एक बार फिर बड़ी सैन्य कार्रवाई की है. इस बार निशाना सीरियाई सेना और रक्षा मंत्रालय के दफ्तरों के आस-पास का इलाका बना है. इस कार्रवाई के बाद अमेरिका ने चिंता जताई है, वहीं इसराइल का कहना है कि वह दक्षिणी सीरिया में ड्रूज़ समुदाय की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
सीरिया के दक्षिणी हिस्से में स्थित स्वेइदा (Sweida) शहर, जो ड्रूज़ बहुल इलाका है, वहां मंगलवार को सीरियाई सरकारी बलों और ड्रूज़ लड़ाकों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं. चश्मदीदों के अनुसार, सरकारी बलों ने बेडुइन लड़ाकों के साथ मिलकर ड्रूज़ नागरिकों और लड़ाकों पर हमला किया. इससे पहले अप्रैल और मई में भी दमिश्क और स्वेइदा में ऐसी झड़पों में 100 से ज्यादा लोगों की जान गई थी. अब तक हिंसा में मरने वालों की संख्या 300 के पार पहुंच चुकी है. इसराइल ने कहा कि वह सीरियाई सीमा पर सेना की मौजूदगी को मंजूरी नहीं देगा और ड्रूज़ अल्पसंख्यकों की रक्षा करेगा.
JUST IN: 🇮🇱🇸🇾 Israel strikes Syria's Ministry of Defense building in Damascus. pic.twitter.com/fJGR4pCmbY
— BRICS News (@BRICSinfo) July 16, 2025
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि उन्हें सीरिया के दमिश्क में हुए इसराइली हमलों को लेकर "गंभीर चिंता" है. सीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हमले में एक नागरिक की मौत हुई और 18 घायल हुए हैं. दूसरी ओर, इसराइली सेना ने स्पष्ट किया है कि वह हर स्थिति के लिए तैयार हैं और अमेरिका से लगातार संपर्क में है. इसराइली अधिकारियों का कहना है कि सीरियाई सेना खुद संकट की जड़ है और उसने ड्रूज़ समुदाय को बचाने में कोई भूमिका नहीं निभाई है. इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर सीरिया और इसराइल के बीच बढ़ते तनाव को उजागर कर दिया है.