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India Daily

ट्रंप का प्लान, 125 विमान, 24 टॉमहॉक मिसाइलें: पेंटागन ने बताया ईरान पर हमले को लेकर क्या थी तैयारी?

शीर्ष अमेरिकी सैन्य अधिकारी जनरल डैन केन ने बताया कि इस ऑपरेशन में अमेरिका ने 14 बंकर-बस्टर बम, दो दर्जन से अधिक टॉमहॉक मिसाइलें और 125 से ज्यादा सैन्य विमान इस्तेमाल किए.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Trump plan, 125 planes, 24 Tomahawk missiles Pentagon told about preparation for attack on Iran

अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने रविवार को ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए अमेरिकी हमलों को “अविश्वसनीय और जबरदस्त सफलता” करार दिया. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने तीन हमलों के साथ तेहरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को ध्वस्त कर दिया.

सत्ता परिवर्तन नहीं था हमलों का उद्देश्य

शीर्ष अमेरिकी सैन्य अधिकारी जनरल डैन केन ने बताया कि इस ऑपरेशन में अमेरिका ने 14 बंकर-बस्टर बम, दो दर्जन से अधिक टॉमहॉक मिसाइलें और 125 से ज्यादा सैन्य विमान इस्तेमाल किए. हेगसेथ ने स्पष्ट किया कि इन हमलों का उद्देश्य सत्ता परिवर्तन नहीं था. उन्होंने कहा, “ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाएं नष्ट हो चुकी हैं.” उन्होंने जोड़ा कि हमले में ईरानी सैनिकों या नागरिकों को निशाना नहीं बनाया गया.

जब यह राष्ट्रपति बोलता है, तो दुनिया को सुनना चाहिए

हेगसेथ ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की योजना की सराहना करते हुए कहा, “राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा बनाई गई योजना साहसिक और शानदार थी, जिसने दुनिया को दिखाया कि अमेरिकी प्रतिरोधक क्षमता वापस आ गई है. जब यह राष्ट्रपति बोलता है, तो दुनिया को सुनना चाहिए.” उन्होंने कहा, “डोनाल्ड ट्रम्प शांति चाहते हैं और ईरान को यह रास्ता अपनाना चाहिए.” उन्होंने जोर देकर कहा, “यह मिशन शासन परिवर्तन के बारे में नहीं था. राष्ट्रपति ने ईरानी परमाणु कार्यक्रम से हमारे राष्ट्रीय हितों और हमारे सैनिकों व सहयोगी इज़रायल की सामूहिक आत्मरक्षा के लिए खतरे को निष्प्रभावी करने हेतु सटीक ऑपरेशन को अधिकृत किया.”

पेंटागन की रणनीति
पेंटागन ने बताया कि अमेरिकी बलों ने धोखे, डिकॉय और लड़ाकू विमानों का उपयोग कर बमवर्षक विमानों की सुरक्षा की. ट्रम्प ने शनिवार को तीन मिनट के संबोधन में कहा, “याद रखें, कई लक्ष्य बाकी हैं. आज का सबसे कठिन और शायद सबसे घातक था. लेकिन अगर शांति जल्दी नहीं आई, तो हम उन अन्य लक्ष्यों को सटीकता, गति और कौशल के साथ निशाना बनाएंगे.” ट्रम्प ने नतांज़, फोर्डो और इस्फहान के परमाणु ठिकानों पर हमले को “शानदार सैन्य सफलता” बताया. वहीं ईरान ने बदला लेने की कसम खाई है. ईरान के सहयोगी रूस और चीन, अमेरिका के प्रमुख भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों, ने इस हमले की निंदा की है.