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India Daily

Trump on India Russia oil import: 'वो पीछे हट रहे हैं', ट्रंप ने भारत के रूसी तेल आयात पर अपना दावा दोहराया

Trump on India Russia oil import: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से भारत के रूसी तेल आयात पर बड़ा दावा किया है. इस बार वो एक कदम और आगे बढ़ गए हैं. हालांकि इससे पहले भारत अपना पक्ष साफ कर चुका है.

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Edited By: Reepu Kumari
Trump on India Russia oil import
Courtesy: Pinterest

Trump on India Russia oil import: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (स्थानीय समय) को अपना यह दावा दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें 'आश्वासन' दिया है कि भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर देगा, जबकि नई दिल्ली ने उनके इस दावे का खंडन किया था. व्हाइट हाउस में अपने यूक्रेनी समकक्ष वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय लंच में ट्रंप ने यह भी दावा किया कि भारत ने रूसी तेल आयात में भारी कटौती की है और अब इसे पूरी तरह से बंद कर देगा. हालांकि, ट्रम्प ने रूसी तेल का आयात जारी रखने के लिए हंगरी का बचाव किया.

ट्रंप ने कहा, 'भारत अब रूसी तेल नहीं खरीदेगा, और हंगरी भी कुछ हद तक अटका हुआ है क्योंकि उनके पास सालों से एक पाइपलाइन है, और वे अंतर्देशीय हैं; उनके पास समुद्र नहीं है, और मैंने उनके नेता से बात की है... लेकिन भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा.' उन्होंने आगे कहा, "उन्होंने पहले ही तनाव कम कर दिया है और कमोबेश बंद कर दिया है. वे पीछे हट रहे हैं. उन्होंने लगभग 38 प्रतिशत तेल खरीदा था, और अब वे ऐसा नहीं करेंगे.'

ट्रम्प का दावा और भारत का खंडन

इस हफ़्ते की शुरुआत में, ट्रंप ने पहली बार अपने दावे पेश किए थे. हालांकि, विदेश मंत्रालय (MEA) ने उनके दावों को खारिज कर दिया और कहा कि 'अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य' में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना सरकार की नीति रही है. अमेरिका के साथ भारत के व्यापार के बारे में बात करते हुए, विदेश मंत्रालय ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने में रुचि दिखाई है और इस पर चर्चा चल रही है.

भारत का जवाब

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'स्थिर ऊर्जा मूल्य और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना हमारी ऊर्जा नीति के दोहरे लक्ष्य रहे हैं. इसमें हमारी ऊर्जा स्रोतों का व्यापक आधार बनाना और बाज़ार की परिस्थितियों के अनुसार विविधता लाना शामिल है.'

पश्चिमी देश, खासकर अमेरिका, भारत के रूसी तेल आयात की आलोचना करते रहे हैं और दावा करते रहे हैं कि इससे यूक्रेन में युद्ध को बढ़ावा मिल रहा है. हालांकि, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित सभी वरिष्ठ भारतीय मंत्रियों ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा है कि सरकार हमेशा देश के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेगी.

ट्रम्प के दावे झूठे?

हालांकि ट्रंप ने दावा किया है कि भारत के रूसी तेल आयात में कमी आई है, केप्लर द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर के पहले पखवाड़े में मास्को से नई दिल्ली का कच्चा तेल आयात मज़बूत हुआ, जिससे जुलाई-सितंबर के दौरान आवक में तीन महीने की गिरावट पलट गई. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस से आयात जून के 20 लाख बैरल प्रतिदिन से घटकर सितंबर में 16 लाख बैरल प्रतिदिन रह गया.

केप्लर में प्रमुख शोध विश्लेषक (रिफाइनिंग एवं मॉडलिंग) सुमित रिटोलिया का मानना ​​है कि ट्रंप का बयान किसी आसन्न नीतिगत बदलाव का प्रतिबिंब होने के बजाय व्यापार वार्ता से जुड़ी दबाव की रणनीति ज़्यादा है. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, 'आर्थिक, संविदात्मक और रणनीतिक कारणों से रूसी बैरल भारत की ऊर्जा प्रणाली में गहराई से समाए हुए हैं.'