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India Daily

दक्षिण कोरिया की बेस्टसेलर लेखिका का 35 साल की उम्र में निधन, इस किताब से हुई थीं फेमस

Baek Se hee Death: बेस्टसेलिंग दक्षिण कोरियाई लेखिका बेक से-ही का 35 वर्ष की आयु में निधन हो गया. लेखिका को उनके बेस्टसेलिंग संस्मरण 'आई वांट टू डाई बट आई वांट टू ईट ट्टोकोकी' के लिए पहचान मिली, जो 2018 में प्रकाशित हुआ था.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
author Baek Se hee
Courtesy: Social Media

Baek Se hee Death: दक्षिण कोरिया के साहित्य जगत से दुखद खबर आई है. लोकप्रिय संस्मरण आई वांट टू डाई बट आई वांट टू ईट ट्टोकोकी (I Want to Die but I Want to Eat Tteokbokki) की लेखिका बेक से-ही का 35 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. उनके निधन की पुष्टि प्रकाशन उद्योग से जुड़े सूत्रों ने की. फ़िलहाल मौत की वजह सामने नहीं आई है.

बेक से-ही ने अपने इस संस्मरण के ज़रिए पूरी दुनिया में करोड़ों पाठकों के दिलों को छुआ था. किताब में उन्होंने अपने मानसिक स्वास्थ्य, अवसाद और आत्महत्या के विचारों से संघर्ष की सच्ची कहानी साझा की थी. यह पुस्तक न केवल दक्षिण कोरिया में, बल्कि विश्वभर में एक बेस्टसेलर बन गई और कई भाषाओं में अनुवादित की गई.

कोरिया में 6,00,000 और दुनिया भर में लगभग दस लाख प्रतियां बिकी थी इस किताब की

रिपोर्ट के अनुसार, पहले संस्मरण की कोरिया में 6,00,000 और दुनिया भर में लगभग दस लाख प्रतियां बिकी. इसे 25 से ज़्यादा देशों में प्रकाशित किया गया था. इसका सीक्वल मूल रूप से 2019 में कोरियाई भाषा में रिलीज़ किया गया था और बाद में 2024 में इसका अंग्रेजी में अनुवाद किया गया.

रिपोर्ट के अनुसार, बेक से-ही की मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं है. कोरियाई अंगदान एजेंसी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि दिवंगत लेखिका ने अपने हृदय, गुर्दे, यकृत और फेफड़े सहित अपने अंग दान कर दिए, जिससे 5 लोगों की जान बच गई. उनके निधन के बाद, ये अंग राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा सेवा इल्सान में बरामद किए गए. द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, से-ही का जन्म सियोल के उत्तर में ग्योंगगी प्रांत के इसी अस्पताल में हुआ था.

उनके निधन के बाद सोशल मीडिया पर पाठकों, लेखकों और प्रशंसकों ने गहरा शोक व्यक्त किया. कई लोगों ने लिखा कि बेक से-ही की किताब ने उन्हें कठिन समय में हिम्मत दी और मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात करने की प्रेरणा दी. दक्षिण कोरिया के कई प्रमुख साहित्यिक संगठनों ने भी इसे “एक बड़ी क्षति” बताया है.

किताब ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को समाज में सामने लाने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

उनकी किताब ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को समाज में सामने लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. दुनियाभर में इस पुस्तक को युवाओं और मानसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने सराहा. बेक से-ही को ईमानदार लेखन शैली और संवेदनशील अभिव्यक्ति के लिए जाना जाता था.