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India Daily

'मेरे रहते पुतिन हमला करने की हिम्मत नहीं करते', ट्रंप ने बाइडेन को बताया यूक्रेन युद्ध का असली जिम्मेदार

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए सीधे तौर पर जो बाइडेन को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि यदि वे सत्ता में होते तो पुतिन कभी हमला नहीं करते. उन्होंने 2020 चुनाव और अमेरिकी-यूक्रेनी नेतृत्व पर भी सवाल उठाए.

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Edited By: Kuldeep Sharma
donald trump - Joe Biden india daily
Courtesy: social media

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बार फिर कड़ा बयान दिया है. अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर जारी पोस्ट में उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कमजोर नेतृत्व की वजह से ही यह युद्ध शुरू हुआ और लगातार भड़कता गया. 

ट्रंप ने दावा किया कि यदि वे दोबारा राष्ट्रपति चुने गए होते तो रूस कभी यूक्रेन पर हमला करने की हिम्मत नहीं करता. ट्रंप ने 2020 के चुनाव, यूक्रेन की नेतृत्व प्रणाली और यूरोपीय देशों के रवैये पर भी सवाल उठाए.

बाइडेन प्रशासन पर तीखा हमला

ट्रंप ने अपने पोस्ट में लिखा कि रूस-यूक्रेन युद्ध पूरी तरह बाइडेन प्रशासन की नीतियों का नतीजा है. उन्होंने आरोप लगाया कि कमजोर और दिशाहीन अमेरिकी और यूक्रेनी नेतृत्व ने हालात को इतना बिगाड़ दिया कि स्थिति युद्ध तक पहुंच गई. ट्रंप के मुताबिक, उनके पहले कार्यकाल में इस संघर्ष पर एक बार भी चर्चा नहीं हुई, क्योंकि पुतिन जानते थे कि वे मजबूत और निर्णायक नेतृत्व रखते हैं. उनका कहना था कि जैसे ही बाइडेन सत्ता में आए, रूस ने हमले का मौका तलाशना शुरू कर दिया.

'मैं होता तो पुतिन कभी हमला नहीं करते'

ट्रंप ने दोहराया कि यदि 2020 के चुनाव 'धांधली रहित' होते और वे दोबारा व्हाइट हाउस में होते, तो यूक्रेन पर हमला कभी नहीं हुआ होता. उनका कहना था कि पुतिन ने बाइडेन को देखकर समझ लिया कि यह उपयुक्त समय है. ट्रंप ने तंज कसते हुए लिखा कि 'स्लीपी जो' की मौजूदगी ने रूस को हिम्मत दी और युद्ध की शुरुआत कर दी. उन्होंने इसे एक ऐसी जंग बताया जिसे किसी भी हाल में रोका जा सकता था.

यूक्रेन की नेतृत्व प्रणाली और धन्यवाद की कमी पर तंज

ट्रंप ने यूक्रेनी सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि यूक्रेन ने अमेरिका के प्रयासों और भारी मदद के प्रति लगभग कोई आभार नहीं दिखाया. उनके मुताबिक, अमेरिका ने यूक्रेन को न केवल भारी हथियार दिए, बल्कि आर्थिक और रणनीतिक रूप से भी लगातार सहयोग किया, फिर भी कीव ने इस सहायता की कद्र नहीं की. उन्होंने इसे 'जीरो ग्रैटिट्यूड' करार देते हुए कहा कि यह रवैया अमेरिका के हितों को नुकसान पहुंचाता है.

यूरोपीय देशों पर भी बरसी ट्रंप की नाराजगी

ट्रंप ने दावा किया कि यूरोपीय देश अब भी रूस से तेल खरीद रहे हैं, जबकि अमेरिका नाटो देशों को हथियार उपलब्ध करवा रहा है, जिन्हें आगे यूक्रेन भेजा जा रहा है. ट्रंप के अनुसार, बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को 'फ्री, फ्री, फ्री' में सब कुछ दे दिया, जिसमें अरबों डॉलर की मदद शामिल रही. उन्होंने सवाल उठाया कि जब यूरोपीय देश खुद रूस से ऊर्जा ले रहे हैं, तो फिर युद्ध का पूरा बोझ अमेरिका पर क्यों पड़े?

युद्ध को बताया 'बेकार की जंग'

पोस्ट के अंत में ट्रंप ने कहा कि यह युद्ध इंसानियत के लिए बेहद दुखद और बर्बाद करने वाला साबित हुआ है. उन्होंने युद्ध में मारे गए सभी नागरिकों और सैनिकों के प्रति संवेदना व्यक्त की और लिखा कि 'ईश्वर उन सभी आत्माओं को शांति दे, जिन्होंने इस आपदा में अपनी जान गंवाई.' उन्होंने इस लड़ाई को 'कभी नहीं शुरू होनी चाहिए थी' बताते हुए कहा कि इसे खत्म करना उनकी प्राथमिकता है.