Teacher caught red-handed in us: इलिनॉयस राज्य के डिकैटर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 34 वर्षीय एली बार्डफील्ड नाम की महिला टीचर ने 11 साल के छात्र का यौन शोषण किया. तीन बच्चों की मां और स्कूल की पूर्व सब्स्टिट्यूट टीचर बार्डफील्ड ने 'प्लेडेट' के बहाने छात्र को अपने घर बुलाया और कई बार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. हैरानी की बात यह रही कि इस अपराध को उजागर करने और आरोपी को पकड़वाने में खुद पीड़ित छात्र ने अहम भूमिका निभाई.
यह घटना मार्च 2024 की है. छात्र 29 से 30 मार्च की रात टीचर के घर पर रहा. इसके बाद उसकी मां ने देखा कि उसका व्यवहार अचानक बदल गया है. शक होने पर मां ने बेटे का मोबाइल फोन चेक किया. फोन में जो चैट और तस्वीरें मिलीं, उन्हें देखकर वह हैरान रह गईं. मां को यह भी पता चला कि बार्डफील्ड ने कुछ महीनों में बच्चे को 700 डॉलर से ज्यादा भेजे थे. मां ने तुरंत बेटे से पूछताछ की तो उसने सच बता दिया. इसके बाद मां अपने बेटे को अस्पताल लेकर गई, जहां मेडिकल जांच हुई और पुलिस को मामला सौंपा गया.
लड़के ने पुलिस को बताया कि बार्डफील्ड ने उसे अपने बेडरूम में बुलाकर यौन संबंध बनाए. उसने यह भी खुलासा किया कि दोनों ने स्नैपचैट पर नग्न तस्वीरें साझा की थीं. इसके बाद पुलिस ने मां और बेटे की मदद से आरोपी को पकड़ने के लिए एक स्टिंग ऑपरेशन की योजना बनाई. पुलिस की निगरानी में बच्चे ने टीचर से बातचीत की, जिसमें बार्डफील्ड ने न सिर्फ अपने अपराध को स्वीकार किया बल्कि आगे भी संबंध बनाने की हामी भरी. इसी बातचीत और रिकॉर्डेड कॉल्स के आधार पर पुलिस ने गिरफ्तारी का कदम उठाया.
पुलिस ने बार्डफील्ड के घर पर छापा मारा और उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया. बॉडीकैम फुटेज में वह बेहद चौंकी हुई नजर आईं. गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उन्होंने शुरुआत में खुद को निर्दोष बताया और यहां तक कहा कि लड़के ने उन पर 'एडवांस' लिया था. लेकिन सबूतों के दबाव में उन्होंने अंततः अपराध मान लिया. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने छात्र को पैसे दिए और नग्न तस्वीरें भेजी थीं.
डिकैटर पब्लिक स्कूल ने आरोप सामने आने के तुरंत बाद बार्डफील्ड को नौकरी से निकाल दिया. लगभग 16 महीने तक चले केस के बाद बार्डफील्ड ने अदालत में दोष स्वीकार कर लिया. अदालत ने उन्हें 'प्रिडेटरी क्रिमिनल सेक्सुअल असॉल्ट ऑफ ए चाइल्ड' के तहत दोषी करार देते हुए 10 साल की जेल की सजा सुनाई. यह मामला अमेरिका में बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा संस्थानों की जिम्मेदारी को लेकर गंभीर बहस का विषय बन गया है.