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India Daily

पाकिस्तान के खिलाफ जीत को न कहें 'ऑपरेशन तिलक', एशिया कप में फाइनल के हीरो ने क्यों कही ये बात

Asia Cup 2025: भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2025 के फाइनल मुकाबले में युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा की शानदार पारी ने भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई. मैच के बाद सोशल मीडिया पर ‘ऑपरेशन तिलक’ की चर्चा तेज हो गई, लेकिन तिलक ने इसे खारिज करते हुए कहा कि उन्हें किसी व्यक्तिगत ओपनिंग की बजाय देश के लिए खेलना गर्व का विषय है.

Tilak Varma
Courtesy: X/ @TheJonyVerma

Asia Cup 2025: एशिया कप के फाइनल में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए मैच में भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हरा दिया. इस मैच में भारत की ओर से सबसे शानदार पारी युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा ने खेली. युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा की इस पारी की बदौलत भारत को ऐतिहासिक जीत मिली. इस मैच के बाद सोशल मीडिया पर "ऑपरेशन तिलक" की चर्चाएं तेज़ हो गईं, लेकिन तिलक से जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे खारिज करते हुए कहा कि उन्हें अपने देश के लिए खेलने पर गर्व है, न कि व्यक्तिगत ओपनिंग पर.

तिलक वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी पारी को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कहा था, इसलिए इसे ‘ऑपरेशन तिलक’ कहना उचित नहीं है. 22 वर्षीय बल्लेबाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “खेल में हम अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं. सही समय पर मुझे मौका मिला और मैं देश के लिए कुछ कर सका, यह मेरे लिए गर्व की बात है.”

तिलक वर्मा की मैच-विनिंग पारी

एशिया कप के इस अहम मुकाबले में पाकिस्तान ने भारत पर शुरुआती दबाव बनाया. भारत की पारी की शुरुआत बेहद खराब रही, जब तीन महत्वपूर्ण विकेट जल्दी गिर गए. इन विकेटों में अभिषेक शर्मा, कप्तान सूर्यकुमार यादव और शुभमन गिल शामिल थे, और भारत का स्कोर केवल 20/3 तक पहुँच गया.

हालांकि, तिलक वर्मा ने संयम और धैर्य से खेलते हुए संजू सैमसन और शिवम दुबे के साथ महत्वपूर्ण साझेदारियां निभाईं. उन्होंने 53 गेंदों में 69 नाबाद रन बनाए, जिसमें चार छक्के और तीन चौके शामिल थे. उनकी पारी ने भारत को जीत के कगार पर पहुँचाया और बड़े नामों के जल्दी आउट होने के बावजूद भारत ने लक्ष्य हासिल कर लिया.

तिलक वर्मा का शांतिपूर्ण रुख

मीडिया से बात करते हुए तिलक ने बताया कि फाइनल के दौरान पाकिस्तान खिलाड़ियों द्वारा की गई सलेडिंग और उकसावे के बावजूद उन्होंने शांत रहते हुए खेल पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने कहा, “जब तीन शुरुआती विकेट जल्दी गिर गए, तो प्रतिद्वंदी ने और भी दबाव डालने की कोशिश की. लेकिन मैंने समझा कि अगर मैं भावनाओं में आकर जल्दबाजी में खेला, तो यह देश के प्रति अनुचित होगा. इसलिए मैंने सिर्फ खेल पर ध्यान रखा और अपने बल्ले से जवाब दिया.”

तिलक ने यह भी कहा कि भारत-पाकिस्तान मैचों में हमेशा भावनाएं ज्यादा होती हैं और ऐसे में संयम बनाए रखना जरूरी है. उनका मानना है कि असली जवाब जीत है, और उन्होंने मैदान पर यही किया.

पीओके स्थित आतंकवादी शिविरों को बनाया निशाना 

यह मुकाबला केवल क्रिकेट का नहीं बल्कि देश की भावनाओं से जुड़ा हुआ था. भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2025 में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और इसके बाद की पारस्परिक तनावपूर्ण स्थिति के कारण इस मैच की अहमियत और बढ़ गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कहा था, जिसमें पाकिस्तान और पीओके स्थित आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया.

मैच के दौरान दोनों टीमों ने हाथ मिलाने से इनकार किया, और पाकिस्तान के खिलाड़ी कई बार उकसावे भरे इशारे करते नजर आए. तेज गेंदबाज हारिस रऊफ ने युद्धक विमान गिराने का इशारा किया, और ओपनर साहिबजादा फरहान ने फिफ्टी के जश्न में बंदूक चलाने की मुद्रा बनाई. तिलक वर्मा ने इस उकसावे का शांतिपूर्ण जवाब अपने खेल के जरिए दिया. उनकी पारी ने भारतीय फैंस को गर्व का अनुभव कराया और टीम को एशिया कप का खिताब दिलाया.

तिलक वर्मा का देशभक्ति वाला नजरिया

तिलक ने बताया कि फाइनल के दौरान उनके दिमाग में देश की सेवा की भावना सर्वोपरि थी. उन्होंने कहा, “मैं अपने देश के लिए कुछ भी देने को तैयार था. 1.4 अरब लोगों का प्रतिनिधित्व करते हुए मैं कोई गलती नहीं कर सकता था. मैंने अपनी पूरी तैयारी और बचपन से सीखे गए आधारभूत कौशल का इस्तेमाल किया.” उनकी यह मानसिकता और संयम ही उनकी जीत की कुंजी बने. उन्होंने न केवल दबाव में धैर्य दिखाया बल्कि महत्वपूर्ण साझेदारियों के जरिए टीम को जीत की राह पर बनाए रखा.

विश्व कप की तैयारी

तिलक वर्मा ने यह भी साझा किया कि उनका अंतिम लक्ष्य विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व करना है. उन्होंने कहा, “मैंने क्रिकेट को 2011 विश्व कप देखने के बाद पसंद करना शुरू किया. मेरा सपना है कि मैं अगले साल होने वाले विश्व कप का हिस्सा बनूं और भारत को जीत दिलाऊं.” तिलक कुछ समय अपने परिवार और दोस्तों के साथ बिताएंगे और फिर अक्टूबर के अंत में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले भारतीय सफेद गेंद दौरे के लिए टीम में शामिल होंगे.

एशिया कप 2025 में तिलक वर्मा की नाबाद 69 रनों की पारी न केवल भारत की जीत का कारण बनी, बल्कि यह उनके आत्मविश्वास, संयम और देशभक्ति की मिसाल भी साबित हुई. ‘ऑपरेशन तिलक’ जैसे ट्रेंडिंग टॉपिक्स के बावजूद, तिलक ने स्पष्ट किया कि खेल का असली सम्मान देश के लिए करना है, न कि किसी व्यक्तिगत नाम या टैगलाइन के लिए. उनकी यह जीत और दृष्टिकोण नए क्रिकेट प्रेमियों और युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है. भारत-पाकिस्तान मैच की इस ऐतिहासिक पारी ने न केवल भारत को खिताब दिलाया, बल्कि देशभक्ति और खेल भावना की भावना को भी उजागर किया.