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तालिबान ने तैयार की सुसाइड ड्रोन आर्मी, पाकिस्तान के लिए बढ़ा खतरा, रालवलपिंडी-कराची नहीं रहा सेफ!

तालिबान ने इन कामिकेज ड्रोनों का परीक्षण लोअर प्रांत के पूर्व एसएएस बेस में सफलतापूर्वक किया है. ये ड्रोन न केवल अपने लक्ष्य पर विस्फोट करने में सक्षम हैं, बल्कि लंबी दूरी तक हमला करने की क्षमता भी रखते हैं.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Taliban prepares suicide drone
Courtesy: Social Media

अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद क्षेत्रीय भू-राजनीति में एक नया और खतरनाक मोड़ आया है. डेली मेल की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान ने एक घातक ‘सुसाइड ड्रोन आर्मी’ और कामिकेज ड्रोन एयरफोर्स विकसित की है जिसमें कुछ हेलीकॉप्टर भी शामिल हैं. यह ड्रोन फोर्स इतनी शक्तिशाली है कि यह पाकिस्तान के प्रमुख शहरों जैसे कराची, रावलपिंडी या इस्लामाबाद पर हमला कर सकता है.

रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने अफगानिस्तान में पूर्व ब्रिटिश एसएएस (स्पेशल एयर सर्विस) बेस को अपने ड्रोन परीक्षण का केंद्र बनाया है.  इस बेस को पहले ब्रिटिश और अमेरिकी सेनाओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता था, अब तालिबान के लिए एक गुप्त उत्पादन केंद्र बन गया है. तालिबान के इंजीनियरों ने 2021 में विदेशी सेनाओं के अफगानिस्तान से हटने के बाद छोड़े गए सैन्य उपकरणों का अध्ययन किया और अब इसका उपयोग अपनी ड्रोन तकनीक को विकसित करने में कर रहे हैं. इन ड्रोनों में कुछ डिज़ाइन अमेरिकी MQ9 रीपर और ईरानी शाहेद 136 ड्रोनों से मिलते-जुलते हैं, जो 24,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं और 660 पाउंड तक विस्फोटक ले जा सकते हैं.

तालिबान ने इन कामिकेज ड्रोनों का परीक्षण लोअर प्रांत के पूर्व एसएएस बेस में सफलतापूर्वक किया है. ये ड्रोन न केवल अपने लक्ष्य पर विस्फोट करने में सक्षम हैं, बल्कि लंबी दूरी तक हमला करने की क्षमता भी रखते हैं. तालिबान के इस ड्रोन कार्यक्रम को कम से कम दो वर्षों से विकसित किया जा रहा है, और अब यह तेजी से अपनी क्षमता बढ़ा रहा है.

पाकिस्तान पर खतरा

पाकिस्तान के लिए तालिबान की यह नई सैन्य ताकत एक गंभीर चुनौती बन सकती है. हाल के वर्षों में तालिबान और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं खासकर सीमा पर होने वाली झड़पों और आतंकी गतिविधियों के कारण. तालिबान ने पहले ही पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर ड्रोन हमलों का प्रदर्शन किया है, जिसने पाकिस्तानी सेना को सतर्क कर दिया है. एक एक्स पोस्ट में दावा किया गया है कि तालिबान इन ड्रोनों का उपयोग भारत, ईरान या चीन के खिलाफ करने की हिम्मत शायद न करे, लेकिन पाकिस्तान इसका आसान निशाना बन सकता है.

पाकिस्तान पहले से ही तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे आतंकी समूहों से जूझ रहा है, जिन्हें अफगानिस्तान में तालिबान से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन मिलने की आशंका है. तालिबान की यह ड्रोन फोर्स पाकिस्तान के लिए एक नई और अप्रत्याशित चुनौती पेश कर सकती है, खासकर तब जब यह सीमा पार हमलों में सक्षम हो.