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India Daily

India US Trade Conflict: 'चुप्पी से धौंस जमाने वालों का हौसला बढ़ता है...', ट्रंप के टैरिफ वार पर चीन ने किया भारत का समर्थन

चीन ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए नए टैरिफ कड़ा विरोध करते हुए भारत का खुला समर्थन किया है. चीन के राजदूत शू फेईहोंग ने कहा कि अमेरिका अब वह टैरिफ को सौदेबाजी के हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है और मौन रहना बदमाश को और मजबूत करेगा. भारत-चीन मिलकर वैश्विक धौंस का मुकाबला कर सकते हैं.

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Edited By: Km Jaya
China stands with India
Courtesy: Social Media

India US Trade Conflict: चीन ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए नए टैरिफ का कड़ा विरोध किया है और खुलकर भारत का समर्थन किया है. चीन के भारत में राजदूत शू फेईहोंग ने कहा कि अमेरिका लंबे समय तक मुक्त व्यापार से लाभ उठाता रहा है, लेकिन अब वह टैरिफ को सौदेबाजी के हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाया है, जिसमें 25 प्रतिशत व्यापारिक शुल्क और 25 प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना शामिल है. 

यह अतिरिक्त शुल्क रूस से तेल खरीदने पर लगाया गया है, जिसे अमेरिका रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए फंडिंग बताता है. शू फेईहोंग ने कहा कि मौन रहना केवल बदमाश को और मजबूत करेगा और चीन भारत के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा. उन्होंने अमेरिका को बदमाश करार देते हुए कहा कि अब समय है कि भारत और चीन मिलकर वैश्विक धौंस और दबाव का सामना करें.

चीन के बाजार खोलने का  दिया भरोसा

उन्होंने भारतीय वस्तुओं के लिए चीन के बाजार खोलने का भी भरोसा दिया. फेईहोंग ने कहा कि भारत को आईटी, सॉफ्टवेयर और बायोमेडिसिन में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त है, जबकि चीन इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग, आधारभूत ढांचे और नई ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बाजार आपस में जुड़कर एक प्लस एक, दो से बड़ा प्रभाव पैदा कर सकते हैं.

भारतीय कंपनियों को निवेश का निमंत्रण

चीन ने भारतीय कंपनियों को अपने बाजार में निवेश करने का निमंत्रण दिया है और साथ ही यह भी उम्मीद जताई है कि भारत चीन की कंपनियों के लिए निष्पक्ष और गैर-भेदभावपूर्ण माहौल प्रदान करेगा. शू ने कहा कि साझा उद्योगों के विकास से दोनों देशों की जनता को लाभ मिलेगा.

बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को बढ़ावा 

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत और चीन अगर सौहार्दपूर्वक रहते हैं तो एशिया के चमत्कार को जारी रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक उथल-पुथल के दौर में दोनों देशों की जिम्मेदारी है कि वे बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को बढ़ावा दें और विकासशील देशों की आवाज को मजबूत करें. अमेरिका के नए टैरिफ 27 अगस्त से लागू होंगे, जिससे भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों पर गंभीर असर पड़ने की संभावना है. ऐसे समय में चीन का यह समर्थन भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है.